भारत ने एमीसैट, 28 विदेशी उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करके इतिहास रचा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 1 अप्रैल 2019

भारत ने एमीसैट, 28 विदेशी उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करके इतिहास रचा

India-created-history-by-successfully-launching-amisat-28-foreign-satellites
श्रीहरिकोटा एक अप्रैल,भारत ने यहां सोमवार को अपने पोलर रॉकेट से एक सैन्य उपग्रह एमीसैट और 28 विदेशी नैनो उपग्रहों का प्रक्षेपण करके इतिहास रच दिया।रॉकेट पीएसएलवी-सी45 ने अपने 47वें मिशन पर 436 किलोग्राम वजनी एमीसैट और लिथुआनिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड तथा अमेरिका के 28 उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित किया। 27 घंटे की उल्टी गिनती खत्म होने के बाद पीएसएलवी-सी45 रॉकेट का यहां से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया। इसरो ने कहा कि एमीसैट उपग्रह का उद्देश्य विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम को मापना है। हालांकि उसने उपग्रह की जानकारियों के बारे में कोई और खुलासा करने से इनकार कर दिया। प्नधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीहरिकोटा से पोलर रॉकेट पीएसएलवी-सी45 से एमीसैट उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसरो प्रमुख के. सिवन ने मिशन नियंत्रण केंद्र में कहा, ‘‘आज, पीएसएलवी सी45 ने 748 किलोमीटर दूर कक्षा में इसरो निर्मित एमीसैट के साथ ही 504 किलोमीटर दूर स्थित कक्षा में 28 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया।’’  सोमवार के प्रक्षेपण पर उन्होंने कहा कि अपनी तरह का अलग यह मिशन इसरो के लिए बहुत खास है । उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार प्रक्षेपण के लिए पहले चरण में चार स्ट्रैप-ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल रॉकेट के नए प्रकार का इस्तेमाल किया गया। पहली बार किसी पीएसएलवी ने एक बार में तीन अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रहों को स्थापित किया।’’ 

सफल प्रक्षेपण पर टीम को बधाई देते हुए सिवन ने कहा, ‘‘इस बेहतरीन सफलता के पीछे काफी काम किया गया। इसरो टीम के हर व्यक्ति ने इसमें योगदान दिया। मैं इस खास मिशन को बड़ी सफलता बनाने के लिए इसरो टीम के सदस्यों के साथ उनके परिवारों को बधाई देता हूं तथा उनकी प्रशंसा करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि पीएसएलवी-सी45 मिशन में इंडस्ट्री ने बड़ी भूमिका निभाई। इस मिशन के लिए करीब 95 फीसदी हार्डवेयर इसरो के बाहर बनाए गए। इसरो के लिए भविष्य की योजनाओं पर उन्होंने कहा कि इन सभी शानदार मिशनों को पूरा करने के बाद इसरो का इस साल के अंत तक 30 मिशनों के प्रक्षेपण का कार्यक्रम है। पीएसएलवी का भारत के दो अहम मिशनों 2008 में ‘‘चंद्रयान’’ और 2013 में मंगल ऑर्बिटर में इस्तेमाल किया गया था। यह जून 2017 तक 39 लगातार सफल प्रक्षेपणों के लिए इसरो का सबसे भरोसेमंद और बहु उपयोगी प्रक्षेपण यान है। एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल के दौरान कुल 220 किलोग्राम वजन के अन्य सभी 28 विदेशी उपग्रहों को एक-एक करके करीब 504 किलोमीटर दूर स्थित कक्षा में स्थापित किया गया। इस प्रक्रिया में 160 मिनट लगे। अन्य 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों में लिथुआनिया के दो, स्पेन का एक, स्विट्जरलैंड का एक और अमेरिका के 24 उपग्रह शामिल हैं। इसरो ने बताया कि इन सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं: