जो 16 सूत्री मुद्धे को पूरा करेगा वह कुर्सी पर बैठने का अधिकारी होगा
चतरा,17 अप्रैल। एकता परिषद के द्वारा झारखंड के मतदातों को 16 सूत्री जन सरोकारों की मुद्धे पर गोलबंद किया जा रहा है। वनाधिकार कानून 2006 में प्रदत ग्राम सभा की भौतिक सत्यापन करने की शक्ति को लागू करो। पेसा एक्ट 1996 को लागू करो। सीएनटी एण्ड एसपीटी एक्ट लागू करो। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करो। भूमि सुधार परिषद को सक्रिय करो। राष्ट्रीय आवासीय अधिकार नीति लागू करो। राष्ट्रीय भूमि अधिकार नीति को लागू करो। राष्ट्रीय पानी अधिकार नीति लागू करो। जल,जंगल और जमीन का अधिकार ग्राम सभा को नीति बनाकर देना सुनिश्चित करो। सामुदायिक वन अधिकार एवं व्यक्तिगत वन पट्टा के निरस्त दावों को ग्राम सभा से भौति सत्यापन के लिए वापस करो।वन भिाग के द्वारा मुकदमा को वापस लो। वन भूमि पर बनाया आवास को गिराना बंद करो। 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व काबिज वन भूमि पर, वन विभाग के द्वारा अतिक्रमण कराना बंद करो। भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन दिलाना सुनिश्चित करो। लूटूतिलैया, बांह मसुरी तरी में बिजला ट्रांसफार्मर की व्यवस्था करो और वनाधिकारी कानून 2006 में चार स्तरीय समिति की बैठक को सुनिश्चित करो। आज बुधवार को 16 सूत्री मुद्धे को सहेजकर एकता परिषद के नेताओं ने चतरा में आयोजित एकता परिषद के तत्वावधान में नगर भवन के मैदान में जल,जंगल और जमीन के अधिकारों को लेकर ‘आदिवासियों एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों तथा चतरा लोकसभा क्षेत्र के सभी पार्टियों के जन प्रतिनिधियों के बीच ‘महापंचायत सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गयी। इस महापंचायत में सदर चतरा, कल्हा,चट्टी,गिधौर प्रखंड एवं लावालौग प्रखंड के 146 गांवों के पांच हजार से अधिक संख्या में एकता परिषद के समर्थकों ने दिलखोल कर शामिल हुए।
मौके पर एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी, झारखंड एकता परिषद के राज्य संयोजक सरयू प्रसाद तथा राज्य संरक्षक रामस्वरूप तथा झारखंड बिहार के राज्य समन्वयक जगत भूषण तथा कोडरमा जिला के समन्वयक केदार यादव पलामू जिला समन्वयक अरूण कुमार श्रीवास्तव तपसी राम, गिरजा ठाकुर तथा एकता परिषद के दस जिला के प्रभारी ने जन सरोकार जन संवाद में अपना-अपना मतव्य में जोर दिया कि पार्टी सही उम्मीदवार नहीं दे पा रहे हैं जिसके चलते जना का काम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि देष मेरा, राज्य मेरा ,वोट मेरा, मुद्धा मेरा और नेता मेरा नहीं होता है क्योंकि आज वोट को लोग खरीद फरोख्त करते हैं, गांव-गांव में दलाल भी बाहरी लोग होते हैं, और वोट के लिए जन प्रतिनिधि से वोट को दिलाने के नाम पर मोटी-मोटी रकम लेते हैं। तो इस बार एकता परिषद के सक्रिय सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि जो पार्टी जनता के बीच में पैसा, दारू,मुर्गा या किसी भी प्रकार का सामान वितरण करता है तो पार्टी के किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना है।किसी भी प्रकार के भय में जाति में धर्म में न जाकर जो जनता की समस्याओं के साथ देगा जमीन के अधिकार,जंगल के अधिकार, पानी के अधिकार, आवास के अधिकार एवं वनाधिकार कानून 2006 में प्रदत ग्राम सभा एव वनाधिकार समिति के भौतिक सत्यापन करने का अधिकार सरकार को गला उतर नहीं रहा है। भारत में जनता के जो जो अधिकार कानून में दिया गया है उसे भारत सरकार के कर्मचारी सही-सही जानकारी नहीं होता है और न उसे मानते हैं इसको जनता के जन प्रतिनिधि जनता की तरफ से जन वकालत नहीं करते है जिसके चलते आज तक जनता को कभी न्याय नहीं मिलता है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी लोकतंत्र के महापर्व में वोट की शक्ति को बताते हुए प्रधानमंत्री आपके वोट से बनता है और वहीं प्रधानमंत्री आपके गरीबी को ध्यान नहीं देता है वोट की कीमत को दारू, मुर्गा,रूपया-पैसा नहीं जो इस प्रकार से जनता के पीछे खर्च करेगा उसको वोट नहीं देना है। जन सरोकारों की 16 मुद्धों को जो साथ देंगे या करायेंगे उन्हीं को वोट देने का निर्णण उपस्थित सभी सम्मानित अगुवाकारी ग्रामीणों ने लिया। मुख्य रूप से महापंचायत की अध्यक्षता विजय भारती तथा मंच संचालन अशोक भारती ने किया। इनके महापंचायत के मुख्य ग्रामीण अथिति सरीता, अंजू,खुशहाल दांगी, लखन उरांव जयशिक्ता देवी ने किया।
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