मोदी राज में बढ़ी आर्थिक असमानता : तिवाड़ी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 10 अप्रैल 2019

मोदी राज में बढ़ी आर्थिक असमानता : तिवाड़ी

 economic-inequality-increased-in-modi-government
जयपुर 10 अप्रैल, कांग्रेस नेता घनश्याम तिवाड़ी ने मोदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में देश में आर्थिक असमानता बढ़ने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि देश के सबसे गरीब 20 करोड़ परिवारों को आर्थिक न्याय देने के लिए ही पार्टी ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) लेकर आयी है। तिवाड़ी कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद पहली बार पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र की विशेषताएं बतायीं। न्याय को घोषणा पत्र की सबसे महत्वपूर्ण बिन्दू बताते हुए तिवाड़ी ने कहा कि इसके तहत देश की 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी को हर साल 72,000 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘देश की अधिकांश संपदा पर मुट्ठी भर लोगों का कब्जा है। इसे देखते हुए ही पार्टी यह न्याय लेकर आई है। आर्थिक असमानता चिंताजनक प्रवृत्ति है। हम कुछ और नहीं तो देश के सामान्य आम परिवारों को इज्जत की जिंदगी जीने का अधिकार दे सकते हैं। यह देश के 20 करोड़ गरीब परिवारों को आर्थिक न्याय देने का प्रयास है।’’ 


मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में आर्थिक असमानता बढ़ने का आरोप लगाते हुए तिवाड़ी ने कहा कि भारत की कुल संपदा के 75 प्रतिशत हिस्से पर केवल 10 प्रतिशत लोगों का मालिकाना हक है जबकि 65 करोड़ भारतीयों के पास संपदा का केवल 2.5 प्रतिशत हिस्सा है। यह आर्थिक असमानता पिछले पांच साल में तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘ऑक्सफॉम व अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुसार बीते पांच साल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद देश में सृजित संपदा का 73 प्रतिशत हिस्सा केवल एक प्रतिशत आबादी के हाथ में गया जबकि देश के 67 करोड़ लोगों के पास इस संपदा का केवल एक प्रतिशत हिस्सा आया। वर्ष 2014 में अति धनाढय वर्ग के पास देश की कुल संपदा का 49 प्रतिशत हिस्सा था जबकि 2016 में यह बढ़कर 68 प्रतिशत हो गया।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में बीते पांच साल के कार्यकाल के बारे में कुछ नहीं बोला है लेकिन कांग्रेस हर साल सोशल आडिट करवाकर जनता को बताएगी कि वह अपने घोषणा पत्र के कितने वादों को पूरा कर सकी है। उल्लेखनीय है कि कभी भाजपा के कद्दावर नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी ने बाद में भारत वाहिनी पार्टी बनायी। वे हाल ही में कांग्रेस में शामिल हो गए।

कोई टिप्पणी नहीं: