यह चुनावी मौसम है साहेब, इस मौसम में सब कुछ चलता है। इस मौसम में नेता खेत की फसल काटने लगते हैं, गरीबों के घर खाना खाने लगते हैं, लोगों को गले लगाने लगते हैं, दंडवत प्रणाम करने लगते हैं।इतना ही नहीं साहेब मनोरंजन करने का भी ठेका ले लेते। अब इस गर्मी में उबलता सियासी पारा बढ़ता ही जा रहा है। मतदाताओं को लुभाने के लिए नये नये तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं। अब खुद ही देख लीजिए इस चुनाव में मन भी डोल गया और तन भी डोल गया। और देखने वाले लोगों का मनोरंजन भी हो गया और मज़ा भी आ गया। मन डोलने और तन डोलने का तात्पर्य वोटर्स को लुभाने के लिए किए गए नागिन डांस से है। कर्नाटक के आवास मंत्री एमटीबी नागराज ने बीन की धुन पर जमकर नागिन किया। होसकोटे में मतदाताओं को लुभाने के लिए नागराज अपने समर्थकों के साथ काटीगेनहल्ली गांव पहुंचे थे। वहां उन्होंने चिकबल्लापुर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली के लिए वोट मांगे। लेकिन जैसे ही काफिले के साथ चल रहे बैंड ने लोकप्रिय 'नागिन धुन' बजानी शुरू की मंत्री जी अपने आप को रोक न सके और धुन पर उनका मन और तन दोनों डोलने लगा। मंत्री जी अपने कार्यकर्ताओं के साथ करीब दस मिनट तक इसपर थिरकते हुए मतदाताओं का मनोरंजन करते रहे। वहाँ का वोटर भी इस अनोखी नृत्य कला का आनंद लेता रहा। और मन ही मन सोचता रहा ऐसा नृत्य कहाँ देखने को मिलेगा। ख़ैर कुछ भी हो इस बार लोकसभा के चुनाव में जुबानी जंग धर्म, समुदाय, चोर, साहूकार, सेल्फी के साथ साथ मतदाताओं को लुभाने के लिए अजीब गरीब पैतरेंं राजनेता अपना रहे हैं। एक ही सांस में कमल कमल कमल तो कभी नमो नमो कहने वाले बीजेपी नेता विनीत अग्रवाल ने तो एक नई परिभाषा ही लिख दी। इस दौरान रैली में आए लोगों ने खूब ठहाके भी लगाए नेता जी की सांसे फूलने लगी लेकिन कमल कमल कमल जपना नहीं छोड़ा। दोनों नेताओं के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहेंं हैं। कुछ भी हो इस चुनावी जंग में हम किसी से कम नहीं का दौर चल रहा है।कांग्रेस के नेता ने नृत्य कर तो बीजेपी के नेता एक ही सांस में कमल और नमो बोलकर चुनाव में एक नई प्रतियोगिता को भी जन्म दे दिया है। लेकिन यह चुनाव है साहेब देश के भविष्य का, युवाओं के भविष्य का, महिलाओं के भविष्य का किसानों के भविष्य का। इसमें इ ना चलबो। क्यों देश विकास चाहता। देश रोजगार चाहता है। देश सुरक्षा चाहता है ।देश शांति चाहता है। इस मुद्दे पर ही रहने की जरुरत है। यह पब्लिक है यह सब जानती।
रवि श्रीवास्तव
पत्रकार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें