दुमका : इंडियन होमियो ऑर्गनाइज़ेशन के तहत मनायी गई डॉ हैनिमैन की 251 वीं जयंती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 10 अप्रैल 2019

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दुमका : इंडियन होमियो ऑर्गनाइज़ेशन के तहत मनायी गई डॉ हैनिमैन की 251 वीं जयंती

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) शहर के टाटा शोरूम चौक स्थित विवेकानंद होमियो औषधालय में दिन बुधवार को इंडियन होमियो ऑर्गनाइज़ेशन के तहत डॉ॰ क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हैनिमैन की मनायी गई 251 वीं जयंती।  प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ नयन कुमार राय के अध्यक्षता में यह जयंती समारोह आयोजित था। इस अवसर पर डॉ राय ने कहा की जर्मनी निवासी डॉ सैम्यूल हैनिमैन होम्योपैथीक चिकित्सा पद्धति के जन्मदाता थे। उन्होंने पहले एमडी डिग्री एलोपैथी चिकित्‍सा विज्ञान से किया था। डॉ॰ हैनिमैन एलोपैथी के चिकित्‍सक होने के साथ साथ कई यूरोपियन भाषाओं के ज्ञाता थे। जीवकोपार्जन के लिये चिकित्‍सा और रसायन विज्ञान का कार्य करने के साथ साथ वे अंग्रेजी भाषा के ग्रंथों का अनुवाद जर्मन और अन्‍य भाषाओं में करते थे। एक बार जब अंग्रेज डाक्‍टर कलेन की लिखी “कलेन्‍स मेटेरिया मेडिका” में वर्णित कुनैन नाम की जड़ी के बारे में अंग्रेजी भाषा का अनुवाद जर्मन भाषा में कर रहे थे तब डॉ॰ हैनिमेन का ध्‍यान डॉ॰ कलेन के उस वर्णन की ओर गया, जहां कुनैन के बारे में कहा गया कि ‘’ यद्यपि कुनैन मलेरिया रोग को आरोग्‍य करती है, लेकिन यह स्‍वस्‍थ शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा करती है। कलेन की कही गयी यह बात डॉ॰ हैनिमेन के दिमाग में बैठ गयी। उन्‍होंनें तर्कपूर्वक विचार करके क्विनाइन जड़ी की थोड़ी थोड़ी मात्रा रोज खानीं शुरू कर दी। लगभग दो हफ्ते बाद इनके शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा हुये। जड़ी खाना बन्‍द कर देनें के बाद मलेरिया रोग अपनें आप आरोग्‍य हो गया। इस प्रयोग को डॉ॰ हैनिमेन ने कई बार दोहराया और हर बार उनके शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा हुये। क्विनीन जड़ी के इस प्रकार से किये गये प्रयोग का जिक्र डॉ॰ हैनिमेन नें अपनें एक चिकित्‍सक मित्र से की। इस मित्र चिकित्‍सक नें भी डॉ॰ हैनिमेन के बताये अनुसार जड़ी का सेवन किया और उसे भी मलेरिया बुखार जैसे लक्षण पैदा हो गये। इसी के आधार पर होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति का अविष्कार किया गया। उन्होंने कहा की डॉ हैनिमैन का मूल मंत्र "समः समह समहति"(simlia Simillibus Currentur)  था।  कार्यक्रम का संचालन रेड क्रॉस सोसाइटी के संयुक्त सचिव मनोज कुमार घोष ने किया। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव अमरेन्द्र कुमार यादव ने कहा की होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति काफी कारगर और सुलभ है। डॉ नयन कुमार राय होम्योपैथीक चिकित्सा जगत के आइडियल हैं। गरीब मरीजों के लिए डॉ नयन हमेशा उनकी सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ अर्जुन बोयरा, डॉ मक़सूद आलम, डॉ अरुण भंडारी, डॉ सुजल कुमार गोराई, डॉ पवन भंडारी, डॉ रामवृक्ष साह, डॉ हेमलता हेम्ब्रम, डॉ राजकुमार साह, डॉ सुभाष प्रसाद साह, डॉ आरपी साह, डॉ एस सहाय, डॉ एच् मंडल, अरुण कुमार सिन्हा, अवधेश शरण, बासुदेव प्रसाद जयसवाल, राधेश्याम शाह, मनोज कुमार पंडित, चंद्र हंस, अखिलेश मिश्रा, नीरज कुमार मिश्रा, एभीबीपी के सुजीत वर्मा सहित कई लोग मौजूद थे।

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