वाशिंगटन 09 अप्रैल, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत का विकास अनुमान 0.2 प्रतिशत घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने मंगलवार को यहाँ जारी रिपोर्ट ‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, अप्रैल 2019’ में कहा है कि भारतीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा विकास अनुमान घटाने के कारण उसने जनवरी में जारी अपनी रिपोर्ट की तुलना में विकास अनुमान घटाया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी विकास अनुमान 0.2 प्रतिशत घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की विकास दर के 2018-19 की तुलना में जहाँ लगातार बढ़ने का अनुमान है, वहीं चीन की विकास दर वर्ष 2018 के 6.6 प्रतिशत से घटकर 2019 में 6.3 प्रतिशत और 2020 में 6.1 प्रतिशत रह जायेगी। मौजूदा वर्ष के लिए वैश्विक विकास अनुमान में 0.2 प्रतिशत की कटौती कर इसे 3.3 प्रतिशत किया गया है। इसके अगले साल 3.6 प्रतिशत पर पहुँचने की उम्मीद है। वर्ष 2018 में भी यह 3.6 फीसदी रही थी। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने यह रिपोर्ट जारी करते हुये कहा “वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह नाजुक क्षण है। व्यापार नीतियों को लेकर तनाव, चीन की सुस्त विकास दर और ब्रेग्जिट वैश्विक विकास के लिए जोखिम बने हुये हैं।” उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं को यह सुनिश्चि करना चाहिये कि केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गयी कटौती का लाभ ग्राहकों को मिले। आईएमएफ ने भारत के बारे में कहा है कि यदि ढाँचागत सुधारों को लागू करने और बाधाओं को दूर करने का क्रम जारी रहता है तो मध्यम अवधि में विकास दर 7.75 प्रतिशत से कुछ नीचे स्थिर रहने की उम्मीद है।
मंगलवार, 9 अप्रैल 2019
आईएमएफ ने भारत का विकास दर घटाया
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