तेजपुर नौ अप्रैल, असम की तेजपुर लोकसभा सीट इस बार काफी दिलचस्प हो गई है। सीट से प्रदेश के ताकतवर मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भाजपा से टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया। वहीं भगवा दल के मौजूदा सांसद टिकट कटने से नाराज हैं, तो कांग्रेस ने पूर्व नौकरशाह पर दांव खेल कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। असम के वित्त और लोक निर्माण मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी और उनकी नजरें तेजपुर सीट पर थीं, पर केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया।मंत्री का नाम तेजपुर के संभावित प्रत्याशियों की सूची में था जिससे मौजूदा भाजपा सांसद आरपी शर्मा नाराज हो गए और सूची का ऐलान होने से पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया।साल 2015 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सरमा को भले ही टिकट नहीं मिला हो, लेकिन उन्होंने सुनिश्चित किया कि उनके करीबी को भाजपा का टिकट मिले और हुआ भी ऐसा ही। भगवा दल ने तेजपुर से राज्य के श्रम मंत्री पल्लब लोचन दास को टिकट दिया।
सरमा को टिकट नहीं दिए जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा था कि केंद्रीय भाजपा की इच्छा है कि सरमा असम में मंत्री और राजग के क्षेत्रीय मंच पूर्वोत्तर प्रजातांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) के अध्यक्ष पद के कर्तव्य का निर्वहन करें। दूसरी ओर कांग्रेस ने पूर्व नौकरशाह एमजीवीके भानू को अपना उम्मीदवार बनाया। वह तेजपुर में उपायुक्त के तौर सेवा दे चुके हैं। भानू राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। भानू और दास के बीच करीबी और कड़े संघर्ष की संभावना है। इस सीट से तीन निर्दलीय समेत कुल आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। तेजपुर पारंपरिक रूप से 2004 तक कांग्रेस का गढ़ रही है। सीट पर गोरखा एवं चाय जनजाति समुदाय चुनावी रण में निर्णायक भूमिका निभाते रहे। मगर 2009 में एजीपी ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली तो 2014 में भाजपा के आरपी शर्मा जीत गए।
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