झंझारपुर लोकसभा सीट मिथलांचल की ये महत्वपूर्ण सीट माना जाता है। यहाँ करीब 18 लाख 22 हजार वोटर हैं
मधुबनी जिले की झंझारपुर लोकसभा सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई की उम्मीद। लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र से अलग-अलग दलों से पांच वार सांसद रह चुके मिथिलांचल की सियासत में एक अलग पहचान रखने वाले देवेंद्र प्रसाद यादव के बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में आने से हलचल कुछ बढ़ गईं है। कोसी और कमला नदियों के बीच बसे झंझारपुर में चुनावी सरगर्मी जोर पकड़ने लगी है...खासकर देवेंद्र यादव और महागठबंधन के उम्मीदवार गुलाब यादव के समर्थकों में चुनाव प्रचार को तेज करने की होड़ सी लगी है...वहीं दोनों ही उम्मीदवार खुद का मुकाबला एनडीए प्रत्याशी से बता रहे हैं। जबकि एनडीए उम्मीदवार रामप्रीत मंडल कहते हैं कि मेरा मुकाबला कीसी से नहीं लाखों वोट से मेरी जीत सुनिश्चित। हालांकि सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं... सियासी जानकारों के मुताबिक झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र का जो जातीय समीकरण है उसके मुताबिक यादव और मुस्लिम यानी एमवाय वोटरों का प्रसेंटेज करीब 29 फीसदी है...परंपरागत रूप से एमवाय वोट आरजेडी से जुड़ा रहा है, कुछ सियासी जानवरों की माने तो देवेंद्र यादव के मैदान में आने से एमवाय समीकरण दरक सकता है। हालांकि गुलाब यादव इन बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि....आरजेडी का वोट इन्टैक्ट है और रालोसपा और वीआईपी के साथ आने से महागठबंधन का बेस भी पहले से और अधिक मजबूत हुआ है... तो वहीं कुछ जानकार बताते हैं कि देवेन्द्र यादव ही ऐसे प्रत्याशी हैं जिनका सभी जाती व सभी वर्गों के वोटरों पर उनका पकड़ है।
जातीय समीकरण
यादव - करीब 14-15 फीसदी
मुस्लिम - 14 फीसदी
ब्राह्मण - करीब 10 से 12 फीसदी
दलित - करीब 12 फीसदी
अति पिछड़ा - 30 से 32 फीसदी
कोइरी - करीब 5 फीसदी
जेडीयू की ओर से रामप्रीत मंडल मैदान में हैं....मंत्री,सांसद,विधायक समेत तमाम दिग्गज एनडीए के प्रचार अभियान में जुटे हैं... प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार जद यू के एक बड़े नेता को पूरी जवाबदेही दी है कि झंझारपुर से लड़ रहे एनडीए उम्मीदवार की जित सुनिश्चित करें। विकास के बदले वोट की उम्मीद लेकर लोगों के बीच जा रहे एनडीए नेताओं को बिहार की सभी सीटों पर जीत का भरोसा है... झंझारपुर में वोटिंग 23 अप्रैल को होनी है,इस दौरान प्रचार अभियान के साथ सियासी दलों के बीच शह मात का खेल भी जारी रहेगा...अब देखना है उन्नीस के इस महामुकाबले में आखिर में बीस कौन साबित होता है...
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