जरूरत 19 की है वर्तमान में सिर्फ 11 से चलाया जा रहा काम
पूर्णिया : श्रीनगर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पंचायत खुट्टी धुनैली स्थित ट्रेनिंग कॉलेज जो कि शिक्षा का केंद्र बिंदु माना जाता है। एक समय था जब ट्रेनिंग कॉलेज एक झोपड़ी की में चलता था। आज वही ट्रेनिंग कॉलेज डायट प्रशिक्षण केंद्र बन गया है और यहां प्रतिदिन शिक्षकों का प्रशिक्षण लेने अतिथि शिक्षकों की कतार लगी रहती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेनिंग कॉलेज की स्थापना 1959 में हुई थी। उस समय यह ट्रेनिंग कॉलेज बुनियादी विद्यालय के तौर पर मान्यता प्राप्त था। उसके बाद यह प्रशिक्षण संस्थान केंद्र उत्क्रमित हो गया। 1993 में इसे जिला व प्रशिक्षण केंद्र की मंजूरी प्राप्त हुई। उसके बाद यहां 10 से 12 कमरों वाला तीन भवनों का निर्माण हुआ। जो भवन के ऊपर खपरा की छत बनी हुई थी। 1993 के बाद इस प्रशिक्षण केंद्र से हजारों की संख्या में प्रशिक्षु प्रशिक्षण लेकर दुनिया के हर कोने कोने में शिक्षा की अलख जला रहे हैं। प्रशिक्षण केंद्र से कहीं शिक्षा पदाधिकारी, कहीं डीटीओ तो कहीं डीएम, एसपी, कहीं इंजीनियर तो कहीं शिक्षक व कई उच्च अधिकारी बनकर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। 1959 से अब तक 17 प्राचार्य की इस ट्रेनिंग कॉलेज में पदस्थापना हुई। ट्रेनिंग कॉलेज की स्थापना काल से अगर तुलना की जाए तो यहां बहुत कुछ परिवर्तन हुआ है। पहले की तुलना में यहां पर अभी सारी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। कमी है तो सिर्फ व्याख्याताओं की। शिक्षकों के नामांकन के हिसाब से यहां पर और व्यख्याताओं की जरूरत है। वर्तमान में यहां पर 7 व्याख्याता मौजूद हैं।
...पूर्णिया का नाम रोशन किया था प्रचार्य अख्तर सईद ने :
20 जनवरी 2014 को प्राचार्य अख्तर सईद के योगदान के समय प्रशिक्षण केंद्र की हालत काफी दयनीय थी। लेकिन प्राचार्य की मेहनत और कर्तव्य से प्रशिक्षण केंद्र का कायाकल्प हुआ और पर सईद की मां ने 33 वर्ष अपनी सेवा प्रदान की थी। उनके कार्यकाल में डायट प्रशिक्षण केंद्र की पदोन्नति हुई। प्राचार्य अख्तर सईद अमेरिका में 3 माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भारत लौटे। उसके बाद बिहार राज्य के अररिया जिला स्थित फारबिसगंज प्रखंड पहुंचे तो अचानक उनका तबादला 1 जनवरी 2014 डायट केंद्र श्रीनगर हो गया। उसके बाद 2015 में डायट केंद्र को बीएड की मान्यता मिली। 82 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक जगदीश झा जो कि श्रीनगर राजा डिहोरी के दामाद हैं। कहते हैं कि मैं 2001 में शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुआ। उनका कहना है कि श्रीनगर में क्या नहीं है, उच्च विद्यालय है, बुनियादी विद्यालय है, ट्रेनिंग कॉलेज भी है। वे कहते हैं कि ट्रेनिंग कॉलेज जब उस समय झोपड़ी की स्थिति में भी थी तो हजारों की संख्या में प्रशिक्षु यहां से प्रशिक्षण लेकर गए। ट्रेनिंग कॉलेज की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। वे कहते हैं कि यह ट्रेनिंग कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में हजारों की किस्मत बदल चुका है। यहां हजारों लोग शिक्षा से लाभ उठा रहे हैं। ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य अख्तर सईद ने बताया कि 1959 में विद्यालय की स्थापना हुई और 1993 में ट्रेनिंग कॉलेज की उन्नति हुई एवं 2015 में बीएड की मान्यता प्राप्त हुई। वर्तमान में नए प्राचार्य अशोक कुमार ने बताया कि यहां पर लड़के व लड़कियों के लिए छात्रावास की सुविधा है। पूर्व प्राचार्य अख्तर सईद को 31 जनवरी 2019 को विदाई समारोह का आयोजन कर विदाई दी गई और हमने 1 फरवरी को पदभार ग्रहण किया।
...19 व्याख्याताओं की है जरूरत :
फिलहाल डायट केंद्र श्रीनगर में 11 व्याख्याता हैं। प्रशिक्षु शिक्षकों के अनुसार यहां 19 व्याख्याताओं की जरूरत है। इसके लिए विभाग को जल्द ही लिखा जाएगा। : अशोक कुमार, प्राचार्य, डायट केंद्र, श्रीनगर।
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