लोकसभा चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों के सामने रखें अपने मुद्धे - रनसिंह परमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 3 अप्रैल 2019

लोकसभा चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों के सामने रखें अपने मुद्धे - रनसिंह परमार

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जौरा,03 अप्रैल । मध्य प्रदेश में है जौरा। जौरा तहसील के ग्राम बरोली में सामुदायिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मख्य रुप से एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रनसिंह परमार, श्री परसराम सिकरवार एंव एकता परिषद मुरैना के वरिष्ठ साथी श्री उदय भान सिंह जी के अलावा 27 गांव के 150 से भी अधिक लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रन सिंह परमार जी ने सभा को संबोधित करते हये कहा कि - सम्माननीय महानुभाव भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व लोकसभा चुनाव के रूप में आने वाला है इस पर्व में भाग लेने के लिए अलग अलग राजनीतिक पार्टियां अपने अपने प्रतिनिधियों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारियां कर रही है साथ ही बहुत सारे लोग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी आप सभी के पास आने वाले हैं इस अवसर पर इस अंचल के जन सरोकार के मुद्दों को प्रदर्शित कर लोकसभा चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों के सामने अपने मुद्धे रखने का एक अच्छा अवसर है। आज बरौली गांव में 27 से अधिक गांव के  चुने हुए प्रतिनिधियों ने एकता परिषद के साथ मिलकर यह तय किया कि लोकसभा चुनाव में इस अंचल के जन सरोकार के मुद्दों को चुनाव में उतरने वाले सभी प्रतिनिधियों के सामने रखा जाए । 9 अप्रैल 2019 को बागचीनी गांव स्थित लील स्थान पर हनुमान जी के मंदिर के पास क्वारी नदी के किनारे एक जन पंचायत का आयोजन किया जाए। इस पंचायत में पूरे क्षेत्र के सभी गांव के लोगों को आमंत्रित किया जाए ।  उम्मीद है कि पंचायत में 100 गांव के लगभग 2000 लोग भाग लेंगे । साथ ही पंचायत के दौरान उन सभी मुद्दों को एक बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा जिन मुद्दों पर लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों से संवाद किया जाएगा। इस लोकसभा चुनाव में मुरैना श्योपुर लोक सभा से मैदान में उतरने वाले सभी प्रत्याशियों को अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। प्रत्येक प्रत्याशी को 10 मिनट में उन मुद्धे पर जो पहले से ही बोर्ड पर लिखे गए हैं अपने विचार व्यक्त करना है।उसके बाद गांव गांव से आए सभी लोग अपने स्तर पर तय कर लेंगे कि उनके मुद्दों को गंभीरता से लिया जा रहा है कि नही? बताते चले कि 9 अप्रैल 2019 को सुबह 10 बजे बागचीनी गांव स्थित लीला मंदिर के पास आकर इस पूरे करके क्षेत्र के जन सरोकार के मुद्दों पर अपनी राय प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक रूप से उपस्थित रहे तथा गांव के सभी लोगों को इसके लिए प्रेरित करें । लोकतंत्र के इस महापर्व में अपने अंचल के मुद्दों पर वायदा लेने के लिए इस कार्यक्रम में आप सभी शामिल होकर सहयोग प्रदान करें। उम्मीद किया गया है कि प्रत्येक गांव से बड़ी संख्या में लोग इस जन पंचायत में भाग लेंगे।


सभी भूमिहीनों को भूमि अधिकार की घोषणा . एकता परिषद के संघर्षों की जीत है 
जन संगठन एकता परिषद की मांगों को कॉग्रेस ने घोषणा.पत्र में शामिल कर ली है।इसको लेकर एकता परिषद के सदस्यों व ग्रामीणों के बीच में हर्ष व्याप्त है। इस संगठन से जुड़े अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि हमलोग  विगत तीन दशकों से वंचितों के भूमि अधिकार पर संघर्षरत एक अग्रणी जन संगठन है।  भारत में सभी भूमिहीनों और आवासहीनों को भूमि अधिकार सुनिश्चित करने की माँग पर एकता परिषद के नेतृत्व में जिलाए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई आंदोलन किये गये है।  इन आंदोलनों के फलस्वरूप लोगों को जमीन अधिकार मिला।   एकता परिषद के संस्थापक श्री पीण्व्हीण् राजगोपाल जी के नेतृत्व में हुये जनादेश ‘2007‘ और जनसत्याग्रह ‘2012‘ के फलस्वरूप भारत सरकार से लिखित समझौते हुये थे।  इन समझौतों में ‘सभी भूमिहीनों और आवासहीनों को भूमि अधिकार‘ सुनिश्चित करना सर्वप्रमुख था। पूर्व में इन समझौतों के अनुसार ‘भूमि अधिकार कानून‘ तथा ‘भूमि अधिकार‘ नीतीश तैयार तो किया गया किन्तु क्रियान्वयन अपूर्ण ही रहा।  एकता परिषद की ओर से राज्य और केंद्र सरकारों से संवाद की प्रक्रिया लगातार जारी रही है।   विगत वर्षों में अनेक औद्योगिक/उत्खनन आदि परियोजनाओं और शहरीकरण के लिये हुये भूमि अधिग्रहण तथा हस्तांतरण के फलस्वरूप ग्रामीण तथा अर्ध.शहरी क्षेत्रों में भूमिहीनता बढ़ी है। वास्तव में भूमिहीनता नें गरीबीए शोषणए अन्याय और हिंसा  को और बढ़ाया ही है।   

स्वाधीनता के बाद महात्मा गाँधी का सपना था कि भूमिहीनों को किसान बनाया जाये ताकि वे स्वावलम्बी जीवन जी सकें और ग्रामीण अर्थतंत्र मजबूत हो। किन्तु विगत दशकों में हुये तमाम नीतियों और कुछ कानूनों ने किसानों को भूमिहीन बना दिया। एकता परिषद नें इन नीतियों और कानून के विरुद्ध सतत संघर्ष किया है। भूमिहीनों और आवासहीनों के अधिकारों के लिये एक बार फिर अक्टूबर 2018 में एकता परिषद के संस्थापक श्री राजगोपाल जी के नेतृत्व में निर्णायक आंदोलन हुआ।  इस आंदोलन के दौरान सभी महत्वपूर्ण राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों नें ‘सभी भूमिहीनों को भूमि अधिकार देने‘ के एकता परिषद की मांग का समर्थन किया था।   हम इसे एकता परिषद के जमीनी आंदोलनों की सफलता मानते हैं कि 2 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष द्वारा जारी घोषणापत्र में ‘सभी भूमिहीनों को भूमि अधिकार देने‘ का संकल्प व्यक्त किया गया है।  हम यह विश्वास करते हैं कि देश के करोड़ों भूमिहीनों को भूमि अधिकार देने से न्याय और सम्मान अवश्य मिलेगा।  इसके लिये हम सब कांग्रेस पार्टी का आभार व्यक्त करते हैं।  हर्ष व्यक्त करने वालों में एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.रनसिंह परमार, उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी, राष्ट्रीय संयोजक अनिश, मंजू डूंगडूंग आदि हैं। जो राजनीतिक दलों ने भूमिहीनों को भूमि देने की घोषणा पत्र में लिखा है उनके लिए धन्यवाद में टीकाराम सिलवानी।

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