अरुण कुमार (आर्यावर्त) बेगुसराराय,बिहार यूपी आदि प्रदेशों के प्रत्येक जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी रामनवमी के अवसर पर महाबीर मंदिरों व निजी घर-आंगन में भी बजरंगबली के ध्वजा की स्थापना की गई। इस अवसर पर विभिन्न प्रकार से पूजा-अर्चनाएं भी की गई।जिला मुख्यालय स्थित विष्णुपुर पथ कंगला स्थित मोहन एघु महावीर स्थान सह चैती दुर्गा स्थान में भी ध्वजारोहण किया गया। ध्वजारोहण के समय भक्तों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर के समय ध्वज स्थापना को लेकर काफी संख्या में लोग जुटे रहे। कई लोगों ने ध्वजा दान भी किया।जबकि, सिद्धपीठ चैती दुर्गा मंदिर में दुर्गा पाठ प्रतिपदा से ही शुरु हो चुका था। बजरंगबली के समक्ष साधक बाँकेलाल के साथ ही अन्य श्रद्धालुओं के द्वारा हवन-पूजन के साथ हनुमद ध्वजारोहण व चैती दुर्गा का हवन कार्य भी सम्पन्न हुआ। जबकि, शहर के विभिन्न जगहों पर स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा के समक्ष ध्वजा स्थापित की गई। गांव के काली स्थान स्थित रामजनकी हनुमान मंदिर,सहित विभिन्न जगहों के मंदिरों में रामनवमी को ले विशेष पूजा अर्चना की गई। खासकर हनुमान मंदिरों को काफी सजाया गया था। पूजा-पाठ की प्रकिया पूरे विधि विधान से की जा रही थी। क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा। सुबह से लोग अपने-अपने घरों में भगवान हनुमान का पताका फहराने में लगे थे।शंख की ध्वनि से चहुंओर गूंजायमान वातावरण से लोगों में नव ऊर्जा का संचार भी देखा गया। एक-दूसरे को लोग प्रसाद भी बांंटकर आपसी प्रेम दर्शायाा।कंगला स्थित हनुमान मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था। संध्या की बेला में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया।श्रद्धालुओं ने अपने-अपने ध्वजा को लाल कपड़े में लपेट कर उसके नुकीले सिरे पर पताका बाँधा और कुमारी कन्याओं को भोजन भी कराया। ग्रामीणों का कहना था कि नवमी को कन्याओं को भोजन कराने से माता भगवती खुश होती हैं।मौके पर संध्या में ग्रामीण कलाकार द्वारा भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर पुलिस भी सुरक्षा को लेकर लगातार गश्ती करती दिखी। लोग भगवान राम, सीता, लक्षमण और हनुमान की पूजा करते नजर आए।जबकि,पान गाछी धाम स्थित हनुमान मंदिर में भी धूमधाम से पूजा-अर्चना की गई।कीर्तन-भजन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।आज अहले सुबह से ही लोग बजरंग ध्वज को लेकर बांस की कटाई के साथ ही लाल सिंदूर से रंगाई व लाल पताका लगाकर पूजा की तैयारी में जुटे रहे। चैत माह के नवमी तिथि को ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म हुआ इस दिन लोग राम जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। जो रामनवमी के नाम से जाना जाता है। भगवान रामचंद्र से मिले वरदान के अनुसार लोग राम के साथ महाबली हनुमान की भी पूजा अर्चना करते हैं।
रविवार, 14 अप्रैल 2019
बिहार : धूमधाम से मनाया गया राम जन्मोत्सव और हनुमद् ध्वजारोहण उत्सव
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