धारा 133 अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी भारी वाहनों के आवागमन पर लगाई रोक
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा द्वारा चैत्र नवरात्रि में जिले की रेहटी तहसील के सलकनपुर में आयोजित होने वाले मेले में जन सामान्य के हित एवं लोक शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 133 के अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिये हैं। कलेक्टर श्री मिश्रा द्वारा बुदनी से संलकनपुर, संलकनपुर से मालीबाया तिराहा, मालीबाया तिराहा से रेहटी तक के मार्ग पर खनिज से भरे हुए अथवा खाली डंपरों एवं ट्रकों का आवागमन 4 अप्रैल की मध्यरात्रि से 8 अप्रैल को सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा। आदेश का उलंघन करने वाले व्यक्ति पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। जिले में प्रतिवर्ष नवरात्रि में सलकनपुर मेले का आयोजन होता है। मेले में दर्शानार्थियों की अत्यधिक भीड़ होने पर सड़क से निकलने वाले खनिज के डंपर एवं ट्रक से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोकने के लिए यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
राज्य व जिला स्तरीय संपर्क केन्द्र 1950 पर सुझाव दें
प्रदेश के राज्यस्तरीय संपर्क केन्द्र का टोल फ्री नम्बर 1800 2330 1950 है।जिस पर जनसामान्य की शिकायतों, सुझावों, समस्याओं का निराकरण किया जाता है। अत:कोई भी शिकायतों , सुझावों, समस्याओं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से संबंधित है,तो टोल फ्री-नम्बर-1800 2330 1950 की जानकारी जनसामान्य को दी जा सकती है। जिससे उनकी शिकायतों का निराकरण किया जा सके एवं जिले तथा विधानसभा से संबंधित शिकायतों,सुझावों,समस्याओं का निराकरण जिलास्तर पर ही किया जावेगा।यदि जिलास्तरीय संपर्क केन्द्र पर किसी भी टेलीकाम सर्विस प्रोवाईडर का कॉल प्राप्त नहीं हो रहा है तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को अवगत कराये, ताकि समस्या का शीघ्र निराकरण किया जा सके।
इंटरनेट, सोशल मीडिया पर भी लागू है आदर्श आचरण संहिता
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आम निर्वाचन की तिथियों की उद्घोषणा के साथ ही निर्वाचन सम्पन्न होने तक आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील रहती है। आदर्श आचरण संहिता एवं आयोग द्वारा समय-समय पर जारी इससे संबंधित निर्देश इंटरनेट, सोशल मीडिया पर राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों द्वारा जारी किये जाने वाली सामग्री पर भी लागू होंगे।
पेड न्यूज साबित होने पर प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में जुड़ेगा खर्च
लोकसभा निर्वाचन के दौरान जिले में केबल चैनलों, समाचार पत्रों से प्रसारित कार्यक्रमों पर नजर रखी जाएगी। निर्वाचन आयोग ने पेड न्यूज पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। एमसीएमसी ही पेड न्यूज के संबंध में निर्णय लेगी। एमसीएमसी द्वारा ही मीडिया सेंटर (मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ) के जरिए 24 घण्टे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया द्वारा प्रसारित होने वाली खबरों की गहन छानबीन की जाएगी। पेड न्यूज साबित होने पर संबंधित प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में पेड न्यूज प्रकाशन पर हुआ खर्च जोड़ा जायेगा।
वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से मतदाता सूची में देख सकते हैं अपना नाम
किसी नागरिक का नाम मतदाता सूची में है या नहीं। इसकी जानकारी वह एप के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर हेल्पलाइन एप तैयार किया गया है। इस एप के माध्यम से कोई भी मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में देख सकता है। यह एन्ड्रॉयड आधारित एप है। एन्ड्रॉयड फोन में एप डाउनलोड करके मतदाता अपना नाम वैरीफाई कर सकता है। इसमें मतदाता दो आधारों पर अपना नाम देख सकता है। जिसमें एक प्रकार में वह कुछ आवश्यक जानकारी जैसे अपना नाम, पिता का नाम, उम्र, जेण्डर, राज्य, जिला और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी भरकर अपना नाम देख सकता है अथवा वह अपना इपिक नम्बर डालकर भी मतदाता सूची में नाम देख सकता है।
उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की सुविधा एप पर भी होगी एंट्री
लोकसभा निर्वाचन का चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा भरे गये नाम-निर्देशन पत्रों की निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किये गये सुविधा एप्लीकेशन में जोड़े गए नामिनेशन के मॉड्यूल में एंट्री की जायेगी। इस मॉड्यूल को रिटर्निंग अधिकारियों की अतिरिक्त सहूलियत के लिए सुविधा एप से जोड़ा गया है। रिटर्निंग अधिकारी उम्मीदवारों से प्राप्त नामांकन पत्रों में दर्ज प्रत्येक जानकारी को सुविधा एप में दर्ज करायेंगे। सुविधा एप्लीकेशन के मॉड्यूल को कुछ इस तरह बनाया गया है कि यदि नामांकन पत्र में कोई कमी रह जाती है या ऐसी कोई जानकारी जो नामांकन पत्र में दी जाना अनिवार्य है लेकिन अभ्यर्थी द्वारा उसे नहीं भरा गया है तो यह उस नामांकन पत्र को स्वीकार नहीं करेगा। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा लिखित में सूचना देकर नामांकन पत्र की कमियों की समय रहते पूर्ति करने के लिए कहा जायेगा। ताकि सिर्फ लिपिकीय त्रुटि के कारण संवीक्षा के दौरान नामांकन पत्रों को निरस्त होने की स्थिति से बचा जा सकेगा।
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