पटना,17 अप्रैल। बुधवार को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पटना में थे। लोकतांत्रिक जन पहल,बिहार के तत्वावधान में गणतंत्र की पुनर्बहाली पर संगोष्ठी बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, सिन्हा लाइब्रेरी रोड,पटना में आयोजित की गयी। मुख्य वक्ता जाने-माने-पहचाने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण थे। उनके साथ स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेंडर प्रताप सिंह भी थे। आजकल बिहार में ‘नो वोटर विहाईण्ड लेफ्ट‘ चल रहा है। सामाजिक सरोकारों से तालुक्कात रखने वाले लोग जुड़े हैं। मौके पर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्वराज अभियान के अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने कहा कि खुशी हो रही है यहां पर लोकतांत्रिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने की पहल जिंदा है। यहां पर दृढ़ता से लोकतंत्र को बचाने और बढ़ाने का कार्य हो रहा है। इसे गांव स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है। 69 साल के पहले संविधान लागू हुआ। इसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष बनाया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता का अधिकार मिला है। अनुच्छेद 19 में मौलिक अधिकार दिया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में जीने के अधिकार का प्रावधान है। लोकतांत्रिक पद्धति के तहत न्याय पालिका, कार्य पालिका और विधायिका बना है। इसके बाद चुनाव आयोग, सीबीआई आदि को स्वतंत्र बनाकर रखा गया।
उनका कहना है कि गत पांच साल में धीरे-धीरे स्वतंत्र अस्तित्व रखने वाले ‘तोता‘ बन गया। इस समय डेली आचार संहिता को मोदी साहब और अमित साहब तोड़ रहे हैं और दोनों पर कार्रवाई नगणय है। दूसरी ओर सत्ताधारियों को विरोध करने वालों को परेशान किया जा रहा है। इस समय पैसा से सत्ता और सत्ता से पैसा कमाने का जरिया बन गया है। एक प्रत्याशी को 70 लाख रू.तक खर्च करना है। मगर इससे अधिक खर्च सत्ताधारी कर रहे हैं। एनजीओ विदेशी मनी नहीं ले सकते हैं। मगर राजनीतिज्ञ विदेशी मनी ले सकते हैं। कम्पनी आमदनी के सात प्रतिशत चंदा दे सकते हैं। मगर राजनीतिज्ञों को मुंहमांगा दे सकते हैं। बैंक से लेनदेन का चलन नहीं है। वहीं इलेक्ट्रोल ब्राॅड खरीद सकते हैं। इस पर किसी का नामोनिशान नहीं है। मनमर्जी ब्राॅड खरीद सकते हैं। इस समय 3 हजार करोड़ में 96 प्रतिशत बीजेपी के पास है। नागरिक अधिकार एक्टिविस्ट एवं स्वराज अभियान के अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने कहा कि जो जितना रकम खर्च कर रहा है उसका उतना ही विजुएलविटी दिखती है। इसी को मूलरूप देने में मीडिया की अहम भूमिका है। सच को झूठ और झूठ को सच बनाने में लगे हैं। इसमें सोशल मीडिया भी शामिल हो गया है। इस समय निरपेक्ष एनडी टीवी, हिन्दु, इंडियन एक्प्रेस आदि है। कुछ पत्रकारों को कोपभाजन बनना पड़ा है। उन्होने कहा कि हमलोगों ने मिलकर 11 ऐरिया को दुरूस्त करने हेतु माथापच्ची किए हैं। इसमें गोपाल गांधी, अरूणा राय, प्रो. दीपक नैयर, हर्ष वर्द्धन, एसपी शुक्ला, बजाज हबीउल आदि है।
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