अरुण कुमार (आर्यावर्त) आध्यात्म को समझना सबके वश की बात नहीं,विश्वविख्यात मोक्ष स्थली “गया” में सोमवार की सुबह पवित्र फल्गु तट पर स्थित देवघाट का नजारा कुछ बदला-बदला सा दिखा। हर किसी की निगाहें बस एक ही ओर टिकी थी। जहां विदेशी महिलाओं का एक जत्था अपने पितरों के मुक्ति की कामना को लेकर तर्पण एवं पिंडदान में जुटा था।विदेशी सैलानियों में रूस,नाइजीरिया कजाकिस्तान,यूक्रेन के मकरेंको दरिया, आइएना, बिन्नीकोवा एलेना,इरीना,नतालिया,वोलोटोव ने भारतीय वेशभूषा धारण कर लोकनाथगौड़ दास आचार्य के तत्वाधान में पूरे विधि विधान एवं पितृश्लोक के उच्चारण के बीच कर्मकांडो को संपादित किया। कर्मकांड के दौरान अपने पितरों को याद कर विदेशी महिलाओं के आंखों से आंसू छलक पड़े।पितरों की मुक्ति की कामना को लेकर गया जी पहुंचे विदेशी सैलानियों ने पिंडदान के पश्चात भगवान विष्णु का दर्शन पूजन किया।
गुरुवार, 4 अप्रैल 2019
बिहार : विदेशी महिला पर्यटक ने पितरों का किया पिण्डदान और श्राद्ध
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