पटना,22 मई। गैर सरकारी संस्था कार्यरत है रोहतास जिले में। संस्था का नाम है जन अधिकार केंद्र। इसका पंजीकृत कार्यालय चेनारी में है। यहां के स्थानीय डाकघर से जन अधिकार केंद्र के सचिव मुन्ना कुमार ने 10 मई, 2019 को 10.05 बजे 41 रू. देकर स्पीड पोस्ट किए। मजे की बात है कि चार दिनों से महत्वपूर्ण चिट्ठी को लेकर उक्त केंद्र के सचिव मुन्ना कुमार चार दिनों से पटना में यज्ञ कर रहे हैं। आज 12 वें दिन 12ः50 मिनट में वेटनरी काॅलेज के पोस्टमैन स्पीड पोस्ट लेकर आया और डिलिवरी किया। बताते चले कि 1766 ईस्वी में लार्ड क्लाइव द्वारा प्रथम डाक व्यवस्था भारत में स्थापित हुआ था। 1774 ईस्वी में वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता में प्रथम डाकघर स्थापित किया। 1786 ईस्वी में मद्रास प्रधान डाकघर की स्थापना की गयी। 1986 से शुरू स्पीड पोस्ट में 33 साल के बाद भी सुधार नहीं हुआ है। कहा जाता है डाकघर एक सुविधा है जो पत्रों को जमा करने (पोस्ट करने), छांटने, पहुंचाने आदि का कार्य करती है। यह एक डाक व्यवस्था के तहत काम करता है। जन अधिकार केंद्र के सचिव मुन्ना कुमार ने कहा कि रोहतास जिले के प्रखंडों में शुमार है चेनारी प्रखंड। इसमें 151 गांव है। उन्होंने कहा कि हमलोग बाइक से चेनारी से ढाई घंटे में पटना पहुंच जाते हैं। ट्रेन से आने में साढ़े सात घंटे लगते है। श्री कुमार ने कहा कि चार दिनों से पटना में चिट्ठी के लिए पड़ा हुआ है। आज जब सर्वदृष्टि आंख केंद्र के बगल में और दलित विकास समिति के परिसर में संचालित सेंटर फोर सोशल इक्विटी एण्ड इन्क्लूसन के कार्यालय में थे तब जाकर पोस्ट मैन स्पीड पोस्ट लेकर आया। उसमें लिखा 16 मई, 2019 लिखा है। अगर पटना में 16 मई को भी पहुंचा था तो 6 दिनों के बाद डिलिवरी की गयी। विलम्ब से चिट्ठी पहुंचने से काफी नुकसान उठाना पड़ा।
बुधवार, 22 मई 2019
बिहार : जब केंद्रीय संचार मंत्री चुनाव में व्यस्त रहे तो उसका असर कार्य पर है पड़ता
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें