- 31 मई को जिले में मनाया जाएगा विश्व तंबाकू निषेध दिवस, टोबेको एंड लंग हेल्थ होगी इस वर्ष की थीम- तंबाकू सेवन पर किया जाएगा जन जागरूकता अभियान
पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : वैश्विक स्तर पर तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। टोबेको एंड लंग्स हेल्थ को इस वर्ष का विषय रखा गया है। अपर सचिव स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने राज्य के सभी जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति एवं जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखकर इस दिवस के आयोजन से संबंधित दिशा निर्देश जारी किया है। जिनका मुख्य उद्देश्य तंबाकू निषेध कार्यक्रम के प्रयासों के विषय में लोगों को अवगत कराना एवं तंबाकू उत्पादों के सेवन के दुष्परिणामों के बारे में जन मानस को जागरूक करना रहा है।
...सघन जांच के मिले हैं आदेश :
इस अवसर पर सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर एक सप्ताह तक सघन छापामारी अभियान चलाया जाएगा। कोटपा के नियमों का उल्लंघन करने वाले तंबाकू विक्रेताओं के विरुद्ध आर्थिक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
...बैठक एवं जागरूकता अभियान :
इस दिवस पर जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक आयोजित होगी। स्कूली बच्चों एवं एएनएम/स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रभातफेरी, जागरूकता रैली, पेंटिंग एवं वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित कर इनके माध्यम से तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति आमलोगों को जागरूक किया जाएगा। होर्डिंग एवं पोस्टर के माध्यम से तंबाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। साथ ही जिला, प्रखंड एवं सामुदायिक स्तर पर नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया जाएगा एवं तम्बाकू सेवन से होने वाले गंभीर रोगों के विषय में जागरूकता फैलाई जाएगी। जिला सिविल सर्जन डॉ मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि प्राप्त निर्देशों के अनुसार जिले में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है एवं संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि तंबाकू आज के दौर में किसी न किसी रूप में जीवनशैली का अंग बनता जा रहा है तथा अधिकतर लोग इसके दुष्परिणामों को जानते हुए भी इनका सेवन करते हैं। डॉ मधुसूदन ने बताया कि ग्रामीण परिवेश के लोग खैनी तथा बीड़ी का अत्यधिक सेवन करते हैं। इसलिए उनमें टीबी एवं श्वास संबंधित रोगों की अधिकता देखी गई है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर की प्रमुख वजह है। तंबाकू चबाने की लत जैसे खैनी, गुटका, तम्बाकू युक्त पान इत्यादि सेवन से मुंह के कैंसर के होने का सबसे अधिक खतरा होता है।
...तम्बाकू सेवन में आई है कमी :
ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे-2 के अनुसार बिहार राज्य में तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या 53.5 प्रतिशत से घट कर 25.9 प्रतिशत हो गई है जो कि राष्ट्रीय औसत (28.4 प्रतिशत) से भी कम है। तंबाकू नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों के अंतर्गत अब तक राज्य के 13 जिले ध्रूमपान मुक्त घोषित हो चुके हैं।
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