पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : पवित्र रमजान का त्योहार मंगलवार से शुरू होने की संभावना है। त्योहार को लेकर जिले के बायसी अनुमंडल क्षेत्र के डगरूआ, अमौर, बैसा एवं बायसी बाजार में अभी से ही चहल पहल तेज हो गई है। रोजा के दौरान सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले खजूर की मांग भी काफी बढ़ गई है। रोजेदारों द्वारा इफ्तार के दौरान उपयोग किए जाने वाले फलों एवं सब्जियों की बिक्री भी काफी तेज हो गई है। पवित्र माह रमजान के दौरान फलों की बिक्री अधिक होने के कारण फलमंडी में फलों की आवक भी तेज हो गई है। इस्लाम धर्म से जुड़े लोगों के घरों में साफ सफाई का काम भी शुरू हो गया है। नेकी व बरकत के इस महीने में प्राय सभी लोग रोजा रखकर अल्लाह को खुश करने का प्रयास करते हैं। सुबह में सेहरी व शाम में इफ्तार को लेकर अभी से तैयारी भी की जा रही है। बाजार में सेहरी के लिए लच्छा व सेवईयां के साथ साथ इफ्तार के लिए चना दाल, फल व तरावट के लिए रुह आफजा की बिक्री भी काफी हो रही है। फलों के थोक विक्रेता अमृत कुमार कहते हैं कि त्योहार के दिनों में फलों की आवक तेज हो जाती है। बायसी पश्चिम चौक, पूरब चौक व फुटानी चौक, चरैया चौक, हरेरामपुर चौक, सिम्मलबाड़ी चौक, आसजा मवैया चौक, जनता हाट, गुवागांव, चहट, हरिपुर, काशी बाड़ी, मोहनिया, नया टोला गोटफर, जियागाछी, बैरिया, पश्चिम टोला बैरिया, सिमलिया, अारा टोला मीनापुर, बछड़दह एवं बायसी बाजार, अमौर, डगरूआ हाट, बेलगच्छी चौक एवं रौटा हाट आदि क्षेत्रों में रमजान को लेकर कई अस्थायी दुकानें खुल गईं हैं। रोजेदारों द्वारा पूरे एक महीना तक चलने वाले मिस्वाह के दातून भी काफी पसंद किया जा रहा है। मान्यता के अनुसार, पूरे दिन रोजा रखने के बाद शाम में खजूर से ही रोजा खोला जाता है। सऊदी से आने वाले आजवां का खजूर काफी पसंद किया जा रहा है। लोगों का मानना है कि यह खजूर 14 सौ साल पहले मोहम्मद साहेब खाते थे वो आज भी उपलब्ध है।
...होती है रहमतों की बारिश :
रमजान का महीना सभी महीनों से अफजल व बेहतर है। रमजान के महीने में अल्लाह रहमत की बारिश करते हैं। रमजान के महीने को सब्र का महीनाभी कहा गया है। इस महीने में गरीब रोजेदारों को इफ्तार कराने से रोजा रखने के बराबर सवाब मिलता है। गरीब नवाज ने बताया इस महीने बिना किसी कारण के स्वस्थ महिला पुरुष द्वारा रोजा नहीं रखना गुनाह माना जाता है। जबकि रोजा में लाचार व बच्चों को रोजा टूटने पर माफी है। पूरे महीने रोजा रखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है।
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