इस्लामाबाद, पांच मई, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और “दासता का जीवन जीने” की जगह स्वतंत्रता के लिए मरना पसंद करने के उनके विचार की प्रशंसा की। खान ने ट्विटर पर टीपू की तारीफ की जिन्हें ‘मैसूर का शेर’ भी कहा जाता है। खान ने शनिवार को ट्वीट किया, “आज चार मई टीपू सुल्तान की पुण्यतिथि है - एक व्यक्ति जिसे मैं इसलिए पसंद करता हूं क्योंकि उन्होंने गुलाम का जीवन जीने की जगह स्वतंत्रता पसंद की और इसके लिए लड़ते हुए मारे गए।” यह पहली बार नहीं है जब खान ने टीपू की सराहना की है। इससे पहले फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर बुलाए गए संसद के संयुक्त सत्र में भी खान ने टीपू की बहादुरी की तारीफ की थी। सुल्तान चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध में बहादुरी से लड़े थे लेकिन श्रीरंगपटनम की घेराबंदी में मारे गए थे। फ्रांस के सैन्य सलाहकारों ने गुप्त रास्ते से उन्हें बचकर निकलने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने जवाब दिया : ‘‘हजारों साल मेमने की तरह जीने की बजाए एक दिन शेर की तरह जीना बेहतर है।” टीपू को अपने शासन में कई प्रशासनिक सुधार लागू करने के लिए जाना जाता है जिनसे मैसूर के रेशम उद्योग में वृद्धि की शुरू हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम ने 1991 में एक व्याख्यान में टीपू को रॉकेट का आविष्कारक बताया था।
रविवार, 5 मई 2019
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने टीपू सुल्तान को श्रद्धांजलि दी
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