दुमका (अमरेन्द्र सुमन) झारखण्ड मुक्ति मोर्चा अब बूढ़ा मोर्चा हो गया है, जो न चल सकता है, न बोल सकता है, इसे जबरन चलाया जाता है। आपने आदरणीय शिबू सोरेन जी को बहुत सम्मान दिया। लेकिन उस सम्मान की रक्षा गुरुजी ने नहीं की। 40 साल तक आपने गुरुजी को इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेवारी सौंपी। अलग राज्य गठन के बाद बाप-बेटा दोनों झारखण्ड के मुख्यमंत्री बनें। लेकिन इन्होंने संथाल परगना के लिए क्या किया, यहाँ की भाषा संस्कृति की रक्षा के लिए क्या किया, यहां के आदिवासियों के लिए क्या किया। कुछ नहीं। सिर्फ दुष्प्रचार कर गरीब आदिवासियों के सहारे मतपेटी भरा। कांग्रेस और जेएमएम का यही रवैया रहा है। यही वजह है संथाल परगना पिछड़ा क्षेत्र में शामिल हो गया। जेएमएम ने यहाँ के लोगों की सोंच को शिथिल कर दिया। संथाल से आदरणीय बाबूलाल जी, आदरणीय हेमंत सोरेन जी और आदरणीय गुरुजी मुख्यमंत्री बने। लेकिन जितना उन लोगों ने संथाल परगना का दौरा नहीं किया होगा, उतना मैंने साढ़े 4 साल में संथाल का दौरा कर बदलाव लाने का प्रयास किया है। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही। मुख्यमंत्री रविवार को दुमका के काठीकुंड में आयोजित जनसभा में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गुरुजी को संथाल परगना के युवाओं को आशीर्वाद देना चाहिए। लेकिन वो उम्मीदवार बन गए हैं। जेएमएम तो हमदर्द था संथाल परगना का, फिर इतने दिनों तक संथाल के गांव तक बिजली नहीं पहुंची। आप उनलोगों से पूछे। मैं तो कहता हूं कहां से पैसा आया। नोट छापने का मशीन है क्या? फिर कैसे ब्छज् ैच्ज् का उल्लंघन कर 500 करोड़ की जमीन खरीद ली। आदिवासी का सबसे ज्यादा शोषण दिकू नहीं सोरेन परिवार ने किया। गोला का रहने वाला हेमंत सोरेन कैसे देवघर, दुमका, बरहेट व अन्य जगह आदिवासियों की जमीन अपने नाम कर ली। आज यही आदिवासी के नेता बने हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना में निवास करने वाले पहाड़िया समाज के युवाओं की समृद्धि के लिए अलग बटालियन का गठन हुआ। वर्त्तमान में पहाड़िया समुदाय के 60 बच्चे रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी में पुलिस का प्रशिक्षण ले रहें हैं। 47 हजार पहाड़िया परिवार को शुद्ध पेयजल पाइपलाइन के जरिये पहुंचाये जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस समुदाय के लोगों को डाकिया योजना के तहत चावल वितरित किया जा रहा है। आप खुद संथाल में बदलाव देख रहें होंगे। सोचिये अगर यह कार्य भाजपा के सांसद और विधायक के बगैर हो सकता है तो जब भाजपा के सांसद होंगे तो कितना बदलाव आएगा। इसलिए मोदी जी को मजबूत करने के लिए आप सुनील सोरेन जी को अपना प्रतिनिधि चुनें।
रविवार, 12 मई 2019
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दुमका : बूढ़ा हो चुका है झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, न चल सकता है और न बोल सकता है : रघुवर दास
दुमका : बूढ़ा हो चुका है झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, न चल सकता है और न बोल सकता है : रघुवर दास
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