पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : विगत तीनों से चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। दोपहर में क्षेत्र की सड़कों पर लोगों का आवागमन भी कम देखा जा रहा है। गर्मी से बचने के लिए शहरी इलाके के लोग दोपहर का वक्त घर में व्यतीत कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण इलाके के लोग गर्मी से राहत के लिए बगीचे में समय बिता रहे हैं। बढ़ती गर्मी को देखकर शीतलपेय पदार्थ व ठंडे चीजों की बिक्री भी खूब हो रही है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के मोहल्ले में आइस्क्रीम, तरबूज एवं खीरा आदि बेचे जा रहे हैं। जबकि शहरी इलाके के विभिन्न चौक चौराहों पर खीरा, आइस्क्रीम, कुल्फी, तरबूज, गन्ना रस एवं सत्तू काउंटर लगा कर बेचे जा रहे हैं। गर्मी से राहत के लिए लोग इन पदार्थों का सेवन करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं दुकानों में विभिन्न कंपनियों के कोल्ड ड्रिंक्स भी सजाए जाने लगे हैं।
...स्कूल जाने में बच्चे करने लगे है आनाकानी :
क्षेत्र में जारी भीषण गर्मी से खासकर स्कूली बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि आंगनबाड़ी व प्राथमिक विद्यालय का संचालन सुबह से हो रहा है। इसके बावजूद 09 बजे सुबह के बाद छुट्टी तक बच्चों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। लिहाजा बच्चे स्कूल जाने में आनाकानी करने लगे हैं।
...कोल्ड ड्रिंक्स व जूस का बाजार चमका :
गर्मी का असर बाजार में दिखाई देने लगा है। लोग कोल्ड ड्रिंक्स व जूस का सेवन से अपनी गर्मी को शांत करते हैं। जिस कारण इसकी बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है। बाजार में नेहरू चौक, मदरसा चौक, कॉलेज चौक, गढ़बनैली चौक आदि के समीप सजी हुई जूस आदि की दुकान पर आए ग्राहक संजीव कुमार कहते हैं कि इस तरह की गर्मी रह गई तो बाजार में फलों की किल्लत हो जाएगी। साथ ही जूस भी बाजार से नदारद हो जाएगा। वहीं विभिन्न होटलों आदि जगहों पर आइस्क्रीम व कोल्ड ड्रिंक्स की बिक्री काफी बढ़ गयी है।
...लू के लक्षण और उसके बचाव :
इलाके में जारी भीषण गर्मी की वजह से स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में लू से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है। वहीं अस्पताल एवं पीएचसी में उपचार के लिए आए मरीजों के लिये ओआरएस की भी व्यवस्था किए जाने का निर्देश दिया गया है। चिकित्सकों के अनुसार बदलते मौसम में तेज बुखार, पेट दर्द, उल्टी, चक्कर आना आदि लू के लक्षण हैं। लू से बचाव के लिए धूप में निकलने से पहले परहेज करना चाहिए। अगर किसी जरूरी काम से निकले तो छाता या सन प्रोटेक्शन चश्मा का उपयोग करना चाहिए। मसालेदार पदार्थ का उपयोग कम करना चाहिए। हरी साग सब्जी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। वहीं लोगों को अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। ओरआरएस और ग्लूकोज का सेवन, कच्चे आम को आग में पका कर शर्बत, नमक व चीनी का मिलावट का घोल बना कर उपयोग करना चाहिए। गर्मी से डायरिया के अलावा शरीर में नमक व पानी कमी होने की संभावना रहती है। वहीं मलेरिया, टाइफाइड व पीलिया की संभावना भी बढ़ जाती है। साथ ही हृदय रोग के रोगियों के लिए भी गर्मी का मौसम खतरनाक साबित हो सकता है।
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