गिरिडीह 04 मई, झारखंड में इस बार के लोकसभा चुनाव में कोडरमा संसदीय सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेननिवादी) उम्मीदवार राजकुमार यादव के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा। राज्य की चार लोकसभा सीटों कोडरमा, रांची, खूंटी (सुरक्षित) और हजारीबाग में पांचवें चरण में 06 मई 2019 को मतदान होना है। इस बार के चुनाव में इन चार संसदीय क्षेत्रों में कोडरमा के मतदान और परिणाम पर पूरे देश की नजर टिकी है। सातवीं बार लोकसभा पहुंचने की तैयारी कर रहे झारखंड के पहले मुख्यमंत्री श्री मरांडी को टक्कर देने के लिए भाजपा ने निवर्तमान सांसद श्री राय का टिकट काटकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़कर आई श्रीमती अन्नपूर्णा देवी पर भरोसा दिखाया है। वहीं, भाकपा-माले के प्रत्याशी श्री यादव भी अपनी जीत सुनश्चित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
राजग और महागठबंधन अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमुआ में 29 अप्रैल को तथा राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास गिरिडीह जिले के जमुआ, गांडेय, गांवा, तिसरी और बगोदर में कई सभाएं कर चुके हैं। वहीं, महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी बनाये गये झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) सुप्रीमो श्री मरांडी के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। इतना ही नहीं कोडरमा संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके तिलकधारी प्रसाद सिंह और गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से एक बार सांसद और दो बार गांडेय विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे डॉ. सरफराज अहमद भी श्री मरांडी को जिताने के लिए प्रयासरत हैं। दोनों पूर्व सांसद अपने-अपने जातिगत वोट को एकजुट करने में लगे हैं। श्री सिंह स्वास्थ्य कारणों से चुनाव प्रचार के लिए क्षेत्र में नहीं जा रहे है लेकिन अंदर ही अंदर श्री मरांडी के लिए काम कर रहे है जबकि अपने घटते जनाधार को अपनी जाति के बीच में ही ढूंढने की कोशिश पूर्व सांसद श्री अहमद कर रहे है। वे खुलकर महागठबंधन उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं। इनके अलावा श्री रवींद्र राय के भाई सुरेंद्र राय भी भाजपा छोड़कर श्री मरांडी की मदद कर रहे हैं। कोडरमा संसदीय क्षेत्र में 17 लाख 79 हजार 737 मतदाता हैं, जिनमें आठ लाख 38 हजार 369 महिला, नौ लाख 41 हजार 353 पुरुष और 15 थर्ड जेंडर शामिल हैं। इनमें यादव, कोयरी, कुर्मी, भूमिहार, मुसलमान और आदिवासी मतदाता निर्णायक हैं, जो वर्ष 2019 के आम चुनाव में इस सीट पर डटे 14 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 06 मई को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद कर देंगे।
श्री मरांडी ने वर्ष 2004 के आम चुनाव में भाजपा के टिकट पर सांसद बनने के लिए कोडरमा से चुनाव लड़ा और झामुमो प्रत्याशी चंपा वर्मा को 154944 मतों के भारी अंतर से पराजित किया था। उन्होंने वर्ष 2006 में लोकसभा और भाजपा की सदस्यता दोनों से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद 24 सितंबर 2006 को उन्होंने अपनी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) पार्टी का गठन कर लिया। इसी वर्ष कोडरमा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में श्री मरांडी निर्दलीय लड़े और जीत हासिल की। उन्होंने वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव झाविमो के टिकट से कोडरमा सीट से लड़ा और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाकपा-माले के राजकुमार यादव को 48520 मतों से पराजित किया। लेकिन, वर्ष 2014 के आम चुनाव में श्री मरांडी ने अपने पुराने दुमका सीट का रुख किया लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले में 158122 वोट लोकर वह तीसरे स्थान पर रहे। इससे पूर्व श्री मरांडी ने अविभाजित बिहार के दुमका में वर्ष 1998 के आम चुनाव में इस सीट से चार बार के सांसद और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को 12556 मतों के अंतर से चित कर पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का परचम लहराया। श्री मरांडी ने 1999 के चुनाव में भी ‘चाची जी’ के नाम से मशहूर श्री सोरेन की पत्नी एवं झामुमो उम्मीदवार रूपी सोरेन किस्कू को 4648 मतों से पराजित किया था। वहीं, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद छोड़ भाजपा के टिकट से भाग्य आजमा रहीं श्रीमती अन्नपूर्णा देवी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। इससे पर्वू कोडरमा विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुकी हैं। भाकपा-मामले उम्मीदवार राजकुमार यादव कोडरमा सीट से तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पूर्व उन्हें 2009 में श्री मरांडी और 2014 में श्री राय से शिकस्त खानी पड़ी थी। कोडरमा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्र में से पांच कोडरमा, बरकट्ठा, बगोदर, जमुआ (सुरक्षित) और गांडेय पर भाजपा का और एक सीट धनवार पर भाकपा-माले का कब्जा है।
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