लोकसभा में मोदी को बराबर की तव्वजो
भुवनेश्वर, 25 मई, ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन कई निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों ने देश और प्रदेश के मुद्दे को बिल्कुल अलग-अलग रखते हुए संसदीय चुनाव में एक पार्टी के पक्ष में, तो वहीं विधानसभा चुनाव में दूसरी पार्टी के पक्ष में मतदान किया। ओडिशा में लोकसभा की 21 और विधानसभा की 147 सीट हैं। बीजू जनता दल ने 12 लोकसभा सीट जीतीं, जबकि भाजपा को आठ और कांग्रेस को एक सीट मिली है, लेकिन राज्य विधानसभा चुनाव में बीजद को 112 सीट मिली हैं, जबकि भाजपा को 23 और कांग्रेस को केवल नौ सीटों पर जीत मिली है। प्रतिष्ठित भुवनेश्वर लोकसभा सीट पर, भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाली पूर्व आईएएस अधिकारी अपराजिता सारंगी को विभाजित वोटों का लाभ मिला। उन्होंने इस सीट पर अपने बीजद प्रतिद्वंद्वी व मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त अरुप पटनायक को 23, 939 मतों से हराया, जबकि भुवनेश्वर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सात विधानसभा सीटों में से किसी पर भी भाजपा का कोई उम्मीदवार नहीं जीत पाया। भुवनेश्वर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सात विधानसभा सीटों में भुवनेश्वर-मध्य, भुवनेश्वर-उत्तर, एकाम्रा-भुवनेश्वर, जतनी, जयदेव, खुर्दा और बेगुनिया आती हैं। सारंगी को 4,86,991 मत (48.45 प्रतिशत) मिले, जबकि इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सातों विधानसभा सीटों पर खड़े सभी भाजपा प्रत्याशियों को कुल मिलाकर केवल 2,90,607 वोट यानी 29.3 फीसदी वोट ही मिले, जिसमें 19.15 फीसदी का अंतर है। इसी तरह कोरापुट लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सप्तगिरि उल्लाका ने जीत दर्ज की, लेकिन इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ज्यादातर सीटों पर बीजद ने जीत हासिल की। इसी तरह से बालासोर, बारागढ़, बोलंगीर, कालाहांडी, संबलपुर और सुंदरगढ़ लोकसभा क्षेत्रों में भी कमोबेश यही स्थिति रही।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें