पुलवामा, पांच मई, आतंकवाद प्रभावित पुलवामा जिले की सड़कों पर घोर सन्नाटा पसरा पड़ा है। लोग एक-दूसरे से मिलजुल रहे हैं लेकिन बातचीत में सावधानी बरत रहे हैं। वे चुनाव छोड़कर किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के इच्छुक हैं। पुलवामा में गत 14 फरवरी को एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले से अपनी कार को टकरा दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गये थे। अनंतनाग लोकसभा सीट के तहत आने वाले पुलवामा में सोमवार को मतदान होगा और सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि वहां कैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। किराने की एक दुकान चलाने वाले गुलजार वानी ने सोमवार को होने वाले मतदान की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस क्षेत्र में कोई मतदान होगा।’’ राजनैतिक दलों द्वारा जिले में चुनाव प्रचार मुश्किल से देखा गया है। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों को पार्टी कार्यालयों तक ही सीमित रखा है। दक्षिण कश्मीर में मजबूत आधार वाली पीडीपी लगभग गायब थी। पार्टी उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती ने खुद को प्रचार से दूर ही रखना पसंद किया। कांग्रेस के जी ए मीर ने नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की विफलताओं को उठाकर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया। हालांकि उनकी चुनावी सभाओं में लोगों की काफी कम संख्या देखने को मिली। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सोमवार को शोपियां और पुलवामा में होने वाले मतदान के लिए सभी प्रबंध कर लिये गये हैं। पुलवामा जिले में 3,51,314 मतदाता हैं जबकि शोपियां जिले में 1,71,216 मतदाता हैं। अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में चुनाव कराया जा रहा है।
सोमवार, 6 मई 2019

मतदान से एक दिन पहले पुलवामा में सन्नाटा
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