नयी दिल्ली, 25 अगस्त, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का रविवार को रिश्तेदारों, विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं, सैकड़ों प्रशंसकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ यहां निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जेटली के बेटे रोहन ने जैसे ही चिता को मुखाग्नि दी तो आसमान भी रो पड़ा और पानी बरसने लगा। भाजपा के कद्दावर नेता को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों शोकाकुल लोग यमुना नदी के किनारे बने निगमबोध घाट पर एकत्रित हुए। 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उन्हें नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। वरिष्ठ नेताओं ने पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और अंतिम संस्कार से पहले उन्हें बंदूकों से सलामी दी गई। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी, पार्टी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद विजय गोयल और विनय सहस्रबुद्धे, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कपिल सिब्बल, राकांपा नेता पी प्रफुल पटेल निगमबोध घाट पर मौजूद रहे। भाजपा में जेटली के साथ करीबी रूप से काम करने वाले नायडू इस मौके पर काफी भावुक नजर आए। वह पार्थिव शरीर के समीप कई देर तक हाथ जोड़े खड़े रहे। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, बिहार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों क्रमश: अरविंद केजरीवाल, देवेंद्र फड़णवीस, विजय रुपाणी, बी एस येदियुरप्पा, नीतीश कुमार और त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहे। विदेश की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेटली को भावुक श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह कल्पना नहीं कर सकते कि वह भारत से दूर बहरीन में है जब उनका ‘‘प्रिय दोस्त’’ और पार्टी सहयोगी नयी दिल्ली में उन्हें छोड़कर चला गया। राष्ट्रध्वज में लिपटा जेटली का पार्थिव शरीर उनके कैलाश कॉलोनी स्थित आवास से सुबह 11 बजे दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर भाजपा मुख्यालय लाया गया। भाजपा कार्यकर्ता और शोकाकुल लोग सुबह से ही भाजपा मुख्यालय के बाहर जेटली को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कतार में खड़े थे। पार्थिव शरीर वहां ढाई घंटे से अधिक समय तक रखा गया। शीर्ष नेताओं से लेकर स्कूली बच्चों समेत आम आदमी ने उन्हें अंतिम विदाई दी। उनकी अंतिम झलक देखकर कुछ की तो आंखें नम हो गईं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जेटली को ऐसा नेता बताया जिन्होंने जरूरत पड़ने पर हमेशा उनकी मदद की। यहां जामा मस्जिद इलाके के एक भाजपा कार्यकर्ता दिलदार हुसैन ने कहा, ‘‘मैं पार्टी के एक नेता के साथ उनके घर जाया करता था। वह बहुत शालीन और स्नेही व्यक्ति थे जो पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद के किसी भी अनुरोध को बमुश्किल ही न कह पाते थे।’’ झारखंड के गिरडीह से एक भाजपा कार्यकर्ता राज किशोर ने अपने नेता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा मुख्यालय के बाहर इंतजार किया। उन्होंने जेटली को एक ‘‘संयमी नेता बताया जो अपने शब्दों या काम से कभी किसी को आहत नहीं करता था।’’ किशोर ने कहा, ‘‘उनका आचरण और आदतें हमेशा अच्छी होती थी। मैंने कई कहानियां सुनी कि कैसे पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता जब उनसे मदद की दरख्वास्त करते थे तो वह उनकी मदद करते थे।’’ दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने भाजपा मुख्यालय पहुंचे कई पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी ऐसी ही भावनाएं व्यक्त कीं। फूलों से सजी तोप गाड़ी से जब पार्थिव शरीर के निगमबोध घाट ले जाया जा रहा था तो आकाश ‘जेटली जी अमर रहें’ के नारों से गुंजायमान हो गया। शाह, नड्डा, राजनाथ सिंह और अन्य नेता भी अपनी-अपनी कारों में पार्टी मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनके काफिले के पीछे चल रहे थे।
सोमवार, 26 अगस्त 2019

अरुण जेटली राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन
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