यहां पर बिहार कौशल विकास मिशन के तहत कम्प्यूटर की शिक्षा दी जा रही है। यहां पर सारी सुविधाएं उपलब्ध है।
पटना, 22 अगस्त। पटना महाधर्मप्रांत के सेवा केंद्र,कुर्जी के परिसर में संचालित है बिहार वाटर डेंवलपमेंट सोसाइटी। यह सोसाइटी 1967 में अस्तित्व में आया,जब बिहार में महसूस किया। अपना बिहार सूखाड़ के अंधकार गर्भ में समा रहा था। तब से आजतक 52 सालों में विशेष कार्य करके विख्यात हो चला है। इस संदर्भ में सेवा केंद्र के निदेशक फादर अमल राज ने कहा कि अपना बिहार के लोग भयंकर सूखाड़ से पीड़ित थे। पटना धर्मप्रांत ने मानवीय सेवा को ध्यान में रखकर बिहार रिलिफ कमिटी के साथ हाथ मिलाकर सूखे से निपटने का प्रयास शुरू किया। सूखे की भयानकता को देखकर अव्वल सूखे से उत्पन्न भूख और प्यास पर महत्वपूर्ण नियत्रंण प्राप्त करना था। इस कार्य में विजयी होने पर अन्य प्रकार का कार्य शुरू किया गया। फादर अमल राज ने कहा कि बिहार वाटर डेंवपलमेंट सोसाइटी ने संसाधन जुटाकर दीर्घकालीन कार्य शुरू किया। इसमें लोगों की पहल व मदद सुनिश्चित करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में प्रस्थान किया गया। इसके साथ विभिन्न विकास परियोजनाओं से संबंधित कार्य करने के लिए कृषि और सिंचाई पर जोड़ दिया गया । उन्होंने कहा कि सूबे में सूखाड़ और बाढ़ के समय में विशेष कार्य कर ख्याति अर्जित कर चुकी है। वक्त की मांग पर बिहार वाटर डेंवलपमेंट सोसाइटी ने कई तरह के अधिक से अधिक संबंधित परियोजनाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वयं सहायता समूह और सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों को जोड़ा । बुनियादी उद्देश्य के पीछे इन गतिविधियों के लिए काम के उत्थान के लिए ग्रामीण जनता और पीड़ा को कम करने के लिए गरीब और हाशिए पर है, विशेष रूप से महिलाओं को जो कर रहे हैं से वंचित आत्म-गरिमा, विश्वास, आत्म-सम्मान और बाधा और कई मायनों में आने के लिए संघर्ष करने के लिए मुख्य धारा के समाज में जोड़ना है। उन्होंने कहा कि हम अपने पैमाने से हस्तक्षेप करके अलग अलग तरीकों से आत्म निर्भरता बनाने का कार्य कर रहे थे। इस कार्य को सरकार ने भी स्वीकार कर ली। मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना में शामिल कर लिया गया है। कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 29 बैच समाप्त कर लिया है। 30 वां बैच जारी है। यहां पर बिहार कौशल विकास मिशन के तहत कम्प्यूटर की शिक्षा दी जा रही है। यहां पर सारी सुविधाएं उपलब्ध है।
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