दमोह : एकता परिषद ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

दमोह : एकता परिषद ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

  • वनाधिकार कानून के लंबित दावे निराकरण की उठाई मांग

दमोह-जन संगठन एकता परिषद के बैनर तले ग्राम सेहरी के आदिवासी - वनवासियों ने जल जंगल और जमीन , यह हो जनता के अधीन -आदिवासियों पर अत्याचार बंद करो - बंद करो , -बेदखली की कार्रवाई बंद करो - बंद करो इत्यादि नारे लगाते हुए जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर तरूण राठी को ज्ञापन सौंपा ।
ज्ञापन कलेक्ट्रेट गेट पे एसडीएम नारायण सिंह द्वारा प्राप्त कर उचित कार्यवाही का भरोसा दिया गया ।
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ज्ञापन के संबंध में एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सुजात खान , राज्य भूमि अधिकार मोर्चा के सदस्य शिवलाल आदिवासी , कार्यकर्ता बलराम पटेल , मन्नु सिंह ने बताया कि आदिवासी बाहुल्य ग्राम सेहरी पंचायत सेहरी ब्लॉक तेंदूखेड़ा के आदिवासी - वनवासी बरसों से जंगल की जमीन पर कब्जा करके खेती कर रहे हैं । एवं वन अधिकार कानून के तहत इन के दावा लंबित हैं । किंतु पंचायत के सचिव - सरपंच एवं गांव के कुछ दबंग लोग वन बिभाग के साथ मिलकर काविज आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने की कोशिश कर रहे । इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन के विशेष आदेश पर 15 से 20 जुलाई तक वन अधिकार कानून को लेकर होने वाली ग्राम सभा का भी आयोजन नहीं किया गया । इस कारण बरसों से काबिज एवं इसी जमीन पर आश्रित आदिवासियों - वनवासियों में भारी रोष व्याप्त है ! एवं आज उनके  सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है । ज्ञापन में कलेक्टर से शीघ्र लंबित दावा निराकरण के अलावा बेदखली की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई
है ।

शासन-प्रशासन एवं संगठन के मध्य समन्वय बैठक की मांग रखी
इस संबंध में प्रदेश समन्वयक सुजात खान ने बताया कि वनाधिकार कानून के जिले भर मे क्रियान्वयन को लेकर तत्कालीन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा एकता परिषद के साथ जिला प्रशासन की बैठक 20 जनवरी 2019 को हुई थी । विधानसभा एवं लोकसभा की आचार संहिता के चलते इस बैठक के मुद्दों एवं  निर्णय मूर्त रूप नहीं ले सके । इस मौके पर कलेक्टर तरुण राठी को शासन-प्रशासन एवं संगठन के साथ भूमि के मुद्दों को लेकर समन्वयक बैठक रखने के संबंध में भी ज्ञापन दिया गया । इस मौके पर माया रानी आदिवासी , बती बाई , सोमवती बाई ,सुशीला रानी , गणेश आदिवासी , प्रेम सिंह , होरीलाल आदिवासी सहित बड़ी संख्या महिला-पुरुष मौजूद रहे ।

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