'शताब्दी द्वार' निर्माण अंतिम चरण में
पटना,22 अगस्त। एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं झारखंड विधानसभा में ग्लेन जोसेफ गोलस्टेन. इसके पहले बिहार विधानसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे इनका पिता जोसेफ गोलस्टेन. बताते चले कि बिहार का विभाजन 15 नवम्बर, 2000 को हुआ था. नये झारखंड प्रदेश के सीमांकन में उक्त भू- भाग झारखंड में चला गया.तो स्वत झारखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय(जनसंख्या) का प्रतिनिधित्व जोसेफ गोलस्टेन करने लगे. झारखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय (जनसंख्या) का प्रतिनिधित्व करने वाले जोसेफ गोलस्टेन का निधन होने के बाद झारखंड सरकार ने एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का दायित्व ग्लेन जोसेफ गोलस्टेन पर सौंप दिया. तब से झारखंड विधानसभा में ग्लेन जोसेफ गोलस्टेन प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
एक इतिहास रच रहे हैं ग्लेन जोसेफ गोलस्टेन
पटना धर्मप्रांत का गठन 1919 में हुआ था. महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा के नेतृत्व में शताब्दी समारोह मनाना जारी है. इस बीच प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में जाने वाले मुख्य द्वार को 'शताब्दी द्वार' बनाने का निश्चय किया गया. इस 'शताब्दी द्वार' को शानदार ढंग से बनाने का फैसला विधायक ग्लेन जोसेफ ने लिया. 'शताब्दी द्वार' को अंतिम रूप देने में कारीगर युद्धस्तर पर लगे हैं. एंग्लो इंडियन समुदाय से प्रतिनिधि ग्लेन जोसेफ गोलस्टेन के द्वारा शताब्दी द्वार शताब्दी मार्ग निर्माण किया गया है. शताब्दी द्वार के इंजीनियर हीरा रेमी ने कहा कि शताब्दी द्वार की ऊँचाई 30 फीट है.चौड़ाई 25 फीट है. 16 फीट की शताब्दी द्वार है. लद्यु ईश मंदिरनुमा 10 आकृति है. इसमें 10 एलईडी बल्ब जलते रहेगा. ब्लेक ग्रेनाट पर लाइट पड़ने से शताब्दी द्वार नयना विराम हो जाएगा. सामने मेटल से हिंदी व इंग्लिश में चर्च का नाम लिखा गया है. प्रेरितों की रानी गिरजाद्यर,कुर्जी. शताब्दी द्वार.1919-2019.पीछे में जय येसु और प्रभु की कृपा आप पर सदा बनी रहे. शताब्दी द्वार से मां मरियम द्वार की दूरी 250 और चौड़ाई 25 फीट है.स्टॉन ब्रिक से राह बन रही है.सुशील लकड़ा ने सीमेंट का पांच बेंच तैयार किया है.
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