- कई निजी बस संचालकों ने बना लिया है अपना काउंटर- प्रतिवर्ष करीब 70 लाख रूपए बतौर राजस्व देने वाले बस स्टैंंड की बदहाली का आलम यह है कि कई निजी बस संचालकों ने तो अपना अलग ही बस स्टैंड बना लिया है- जिले से पांच नेशनल हाइवे (एनएच 31, 33, 57, 107 व 136ए) गुजरता है, लेकिन डिजिटल ट्रैफिक लाइट सिस्टम की सुविधा नहीं
कुमार गौरव । पूर्णिया : शहर में लगातार बढ़ रही आबादी व वाहनों की संख्या के मुकाबले जितना विकास कार्य होना चाहिए वह नहीं हो रहा है। सोमवार की अहले सुबह करीब 3:30 बजे बस स्टैंड के बाहर हुए हादसे ने यह साबित कर दिया है कि हमारे माननीय व पदाधिकारी जनसुविधाओं काे लेकर कितने संजीदे हैं। शहर के बीचोंबीच बसे बस स्टैंड के जीर्णोद्धार का मामला पिछले चार वर्षों से अटका है। हमारे पदाधिकारी व माननीय सिर्फ जायजा और आश्वासन का खेल खेल रहे हैं। लेकिन यह खेल अब घातक साबित हो रहा है। आंकड़ों की माने तो गत तीन वर्षों में 50 से अधिक बार टैक्सी स्टैंड से बस स्टैंड के बीच बने डिवाइडर से टकरा कर हादसे हो चुके हैं। लेकिन अब तक न तो नगर निगम के द्वारा हाई मास्ट लाइट लगाई गई और न ही अतिक्रमण को ही हटाया गया। प्रतिवर्ष करीब 70 लाख रूपए बतौर राजस्व देने वाले बस स्टैंंड की बदहाली का आलम यह है कि कई निजी बस संचालकों ने तो अपना अलग ही बस स्टैंड बना लिया है। वे वहीं से अपने सवारियों को बस पर बैठाते हैं और बस को रवाना करते हैं। ट्रैफिक कंजेशन से राहत पाने के लिए प्रशासन ने एनएच 31 के बीचोंबीच डिवाइडर तो बना दिया लेकिन सड़क के दोनों किनारों से अतिक्रमण को नहीं हटाया गया। बता दें कि पूर्णिया से सात राज्यों एवं तीन देशों की यात्रा के लिए सड़कें आपस में मिलती हैं। प्रत्येक दिन तकरीबन 300 बसें विभिन्न राज्यों के लिए पूर्णिया बस अड्डे से खुलती हैं और अमूमन 25 से 30 हजार लोग हर रोज इन बसों में सफर कर अपने गंतव्य स्थान को जाते हैं। देश के 10 बड़े बस अड्डों में शुमार पूर्णिया का बस अड्डा आज भी किसी खेवनहार की बाट जोहता नजर आ रहा है।
...सिर्फ खानापूर्ति के लिए होती है कार्रवाई :
अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ अनुमंडल कार्यालय व नगर निगम के द्वारा खानापूर्ति की जाती है। गत दिनों दिखावे के लिए गिरजा चौक से लाइन बाजार कुंडी पुल तक सड़क के दोनों तरफ अतिक्रमण तो हटा दिया गया लेकिन बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के आसपास जहां दिन भर यात्रियों की भीड़ लगी रहती है वहां से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। लाइन में जिस दिन कार्रवाई की गई उसके दूसरे दिन ही अतिक्रमणकारियों की दुकानें दोबारा सज गई।
...शहर से गुजरता है पांच नेशनल हाइवे :
रोडवेज के मामले में सूबे का पूर्णिया जिला अपने आप में बड़ा अनूठा है। इस जिले से पांच नेशनल हाइवे (एनएच 31, 33, 57, 107 व 136ए) गुजरता है। साथ ही सूबे का एकमात्र सिक्सलेन भी यहीं है। बता दें कि शहर की आबादी तीन लाख के पार है और परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों की माने तो इतनी ही संख्या वाहनों की भी है लेकिन इसके बाद भी डिजिटल ट्रैफिक लाइट सिस्टम की व्यवस्था नहीं की गई है जो कि हादसों की बड़ी वजह है। यही नहीं पूर्णिया बस स्टैंड से प्रतिदिन करीब 300 बसें विभिन्न जगहों के लिए खुलती है। नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर होने के कारण दिन रात छोटी बड़ी गाड़ियां इन हाइवे से होकर गुजरती हैं और प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण कई जगहों पर तो ट्रक चालक हाइवे के बीच में बने डिवाइडर पर ही अपनी गाड़ी को पार्क करते हैं।
...एक सप्ताह के अंदर सबकुछ होगा पटरी पर :
बस स्टैंड के आसपास मौजूद अतिक्रमणकारियों को जल्द ही हटाया जाएगा। निजी बस संचालकों को भी नोटिस दिया जाएगा ताकि वे बस स्टैंड परिसर में ही अपना काउंटर खोले, बाहर में नहीं। एक सप्ताह के अंदर सबकुछ पटरी पर आ जाएगा। : डॉ विनोद कुमार, सदर एसडीओ, पूर्णिया।
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