- मेयर पति ने कहा : एक साल में हुए विकास कार्यों से बौखला गया है विरोधी - वार्ड पार्षद ने मेयर पति पर अपने हथियारबंद अंगरक्षकों के साथ मिल कर नगर निगम कार्यालय में दहशत का माहौल बनाने व उनके द्वारा अमर्यादित भाषा का व्यवहार करने का मढ़ा आरोप
पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : नगर निगम पूर्णिया में वार्ड 07 के पार्षद रमेश पासवान के द्वारा नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह व जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा समेत कई अन्य उच्च पदस्थों को पत्र प्रेषित करने के बाद राजनीतिक तपिश बढ़ गई है। अपने पत्र के माध्यम से रमेश पासवान ने मेयर सविता देवी के पति प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मेयर पति पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वार्ड पार्षद ने मेयर पति पर अपने हथियारबंद अंगरक्षकों के साथ मिल कर नगर निगम कार्यालय में दहशत का माहौल बनाने व उनके द्वारा अमर्यादित भाषा का व्यवहार करने का आरोप मढ़ा है। वार्ड पार्षद ने यह भी आरोप लगाया है कि वे देर शाम तक नगर निगम कार्यालय में जमे रहते हैं। जिस कारण कई पार्षदों को कार्य कराने में काफी परेशानी होती है। जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्र में वार्ड पार्षद रमेश पासवान ने आरोप लगाया है कि वे अपने वार्ड के कार्य से अक्सर नगर निगम कार्यालय आते जाते रहते हैं। मगर एक वर्ष पूर्व बनी नगर सरकार के बाद जब भी वो नगर निगम कार्यालय जाते हैं तो वहां अक्सर प्रताप सिंह अपने अंगरक्षकों के साथ घूमते दिखते हैं। इस दौरान उनका व्यवहार हमेशा हमारे प्रति अमर्यादित होता है तथा हमको देखकर हमेशा अपशब्दों का प्रयोग भी करते हैं। डीएम को सौंपे गए पत्र में वार्ड पार्षद ने आरोप लगाया है कि पांच अगस्त को जब वे दिन के बारह बजे नगर निगम कार्यालय के प्रधान सहायक के कक्ष में अपने वार्ड से संबंधित योजनाओं की जानकारी ले रहे थे तो इसी क्रम में मेयर पति प्रताप सिंह अपने अंगरक्षकों के साथ कार्यालय में आए और अचानक मेरे खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए अपने अंगरक्षकों के साथ मिलकर धक्का मुक्की करने लगे। वार्ड पार्षद का कहना है कि जब मैं संवैधानिक पद पर हूं तो फिर एक बिना पद के मेयर पति आखिर किस अधिकार से हमारे साथ हमेशा अमर्यादित व्यवहार करते हैं। बता दें कि वार्ड पार्षद के द्वारा अपनी शिकायत जिलाधिकारी के अलावा राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग, प्रधान सचिव नगर विकास, प्रमंडलीय आयुक्त को भी प्रेषित की गई है।
...गरमा गया है निगम का राजनीतिक पारा :
वार्ड पार्षद के मोर्चा खोले जाने के बाद नगर निगम का राजनीतिक पारा उबाल खाने लगा है। एक ओर जहां मेयर पति पर कई संगीन आरोप मढ़े गए हैं वहीं दूसरी ओर मेयर पति का कहना है कि ये सारे आरोप मनगढ़ंत व बेबुनियाद है और विकास कार्यों को बाधित करने का हथकंडा भर है। उधर, जिलाधिकारी ने वार्ड पार्षद रमेश पासवान की लिखित शिकायत के बाद नगर आयुक्त से रिपोर्ट मांगी है। इस संबंध में नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है। इस शिकायत में कितनी सच्चाई है इसकी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
...पूर्णिया में अब दलित, आदिवासी समाज सुरक्षित नहीं :
आदिवासी विकास परिषद एवं पूर्णिया जिला एससी एसटी संघर्ष मोर्चा, भीम सेना, भीम आर्मी पूर्णिया के सभी संगठन के सदस्यों ने कहा कि अब जिले में दलित, आदिवासी समाज सुरक्षित नहीं है। प्रशासन पर आरोप मढ़ते हुए इन संगठनों के सदस्यों ने कहा कि लगातार दलितों व आदिवासियों पर हमला हो रहा है और जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र उरांव, पूर्णिया जिलाध्यक्ष विजय उरांव, जिला महासचिव राजेंद्र उरांव, जिला उपाध्यक्ष श्याम सुंदर उरांव, जिला सचिव राजकुमार मुर्मू, वार्ड पार्षद विजय कुमार उरांव, एससी एसटी संघर्ष मोर्चा के सचिव सह वार्ड पार्षद पप्पू पासवान, आनंद लकड़ा, मनोज कुजूर, भीम सेना के जिलाध्यक्ष चंदन आजाद, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष विक्रम पासवान एवं सदस्यों ने कड़ी निंदा करते हुए जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि दोषियों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करें। जितेंद्र उरांव ने बताया कि एक मामला धमदाहा विशुनपुर निवासी हरिश्चंद्र उरांव का है। जिसे प्रभात पाठक, सूरज झा, दिगंबर ठाकुर सभी सवर्ण समाज से आते हैं ने हरिश्चंद्र उरांव को घर से उठा कर साथ ले गए और उनकी हत्या कर शव को खेत में फेंक देते हैं। अभी तक इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। ये अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार को केस वापस लेने की भी धमकी दे रहे हैं। दूसरा ताजा मामला जिले के एससी एसटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष सह वार्ड पार्षद वार्ड नंबर 7 के रमेश पासवान उर्फ पोलो पासवान का है। नगर निगम पूर्णिया के मेयर पति प्रताप सिंह द्वारा लगातार धमकाया जा रहा है। साथ ही निगम के कुछेक चुनिंदा पार्षदों को निरंतर निशाना बना कर उनको प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। इन दोनों घटना से साफ पता चल रहा है कि यहां के दलित, आदिवासी समाज अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। जिला प्रशासन से अनुरोध है कि इन दोनों घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें। अन्यथा पूरा दलित, आदिवासी समाज सड़क पर उतर कर जिला प्रशासन के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करेगा।
...सारे आरोप बेबुनियाद :
एक साल पुरानी नगर सरकार के कार्यों से विरोधी खेमा बौखला गया है। प्रताप सिंह ने मेयर के हवाले से बताया कि महज एक साल के दरम्यान सभी 46 वार्डों में 205 विकास कार्य सिर्फ सड़क व नाले के कराए गए हैं। साथ ही प्रत्येक वार्ड में 1.75 करोड़ से लेकर 2.25 करोड़ तक के विकास कार्य की योजनाएं मेयर के द्वारा क्रियान्वित की गई है। इतने कम समय में हो रहे अधिक कार्यों का नतीजा है कि विरोधी खेमे में दोबारा मोर्चाबंदी शुरू हो गई है। उन्होंने नगर निगम के कार्यों में दखलअंदाजी से साफतौर पर इंकार किया है। उन्होंने कहा नगर निगम में जिस तरह से विकास कार्य हो रहे उसी से बौखला कर विरोधी साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती है। मेयर सविता देवी ने एक साल के दरम्यान जितने कार्य किए पूर्व में किसी भी मेयर के द्वारा इतने कार्य नहीं किए गए। तमाम विरोधों के बावजूद विकास कार्य सविता देवी के नेतृत्व में बदस्तूर जारी रहेगा।
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