बिहार के दसियों हजार गरीब 9 नवंबर को मुख्यमंत्री के समक्ष करेंगे प्रदर्शन और सभा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

बिहार के दसियों हजार गरीब 9 नवंबर को मुख्यमंत्री के समक्ष करेंगे प्रदर्शन और सभा

दलित-गरीबों को उजाड़ने, आधारकार्ड-पॉस मशीन के आधार पर राशन से गरीबों को वंचित करने,राशन सूची से नाम काटने के खिलाफ हो रहा है यह प्रदर्शन, गेट पब्लिक लाइब्रेरी में होगी सभाभाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सभा मुख्य वक्ता के बतौर सभा को करेंगे संबोधितदेशव्यापी आर्थिक मंदी से तबाह ग्रामीण गरीबों को विशेष पैकेज दे सरकारमनरेगा मजदूरों को राज्य की न्यूनतम मजदूरी नही मिलना लोकतंत्र और संविधान का उल्लंघनमनरेगा मजदूरों को 500 रुपये दैनिक मजदूरी और 200 दिन काम मिलेबिहार में पसरती गरीबी और गरीब हितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जायबिहार राज्य मनरेगा मजदूर सभा का गठन होगाखेग्रामस के छठे राज्य सम्मेलन से पटना-दिल्ली सरकार की अम्बानी-अडानी परस्त नीतियों के खिलाफ गांव-पंचायतों में आंदोलन तेज करने का आह्वान होगा
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पटना 8 नवंबर  कल 9 नवंबर को बिहार के दसियों हजार ग्रामीण मजदूरों का जुटान पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी में हो रहा है. ग्रामीण मजूदर अपनी विभिन्न मांगों पर सभा करने के बाद मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन करेंगे. सभा को मुख्य वक्ता के बतौर भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य संबोधित करेंगे. प्रदर्शन की मुख्य मांगों में दलित-गरीबों को उजाड़ने, आधारकार्ड-पाॅश मशीन के आधार पर राशन से गरीबों को वंचित करने, राशन सूची से नाम काटने, असम सहित पूरे देश में एनआरसी लागू करने, देशव्यापी आर्थिक मंदी से तबाह गरीबों को विशेष पैकेज देने, मनरेगा मजदूरों को कम से कम 200 दिन काम व 500 रु. दैनिक मजदूरी देने, बिहार में पसरती गरीबी और गरीबी हितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियिमितता पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने आदि सवालों पर हो रहा है. प्रदर्शन के बाद 9 नवंबर की शाम से 10 नवंबर तक गेट पब्लिक लाइब्रेरी में संगठन का छठा बिहार राज्य सम्मेलन होगा, जिसमें लगभग 1000 डेलीगेट भाग लेंगे. सम्मेलन से दिल्ली-पटना की अंबानी-अडानी परस्त नीतियों के खिलाफ गांव-पंचायतों में आंदेालन तेज करने का आह्वान किया जाएगा. साथ ही मनरेगा मजदूर सभा का भी गठन किया जाएगा. सरकार ने आज पूरे बिहार में बरसो बरस से बसे हजारों गरीबों को उजाड़ दिया है और लाखों दलित-गरीबों को उजाड़ने का नोटिस थमा दिया है, जल्द सरकार नोटिस वापस ले और वास-आवास को लेकर विशेष कानून बनाये. मनरेगा योजना को लागू करने में बिहार फिसड्डी राज्यों की सूची में शामिल है. योजना अफसरों और ठेकेदारों की लूट योजना बन गयी है. जॉबकार्ड इन्ही के कब्जे में है. मनरेगा में बड़ा घोटाला हो रहा है. मजदूर के बदले मशीन को काम मिल रहे हैं. जिन्होंने कभी एक टोकरी मिट्टी नहीं काटा और ढोया, उसके नाम पर रुपये निकल रहे हैं और मजदूरों को काम नही मिल रहा है. खाद्य सुरक्षा कानून राज्य में चरम अनियमितता का शिकार है. करोड़ों आवेदन लंबित पड़े हैं. जरूरत मंदों का नाम राशन सूची में नहीं है और अमीर राशन उठा रहे हैं. सरकार ऐसे लाभुकों को नोटिस देकर अथवा विज्ञापन देकर नाम हटाने के बदले दलित -गरीबों को परेशान कर रही है. कानून के मुताबिक जो अपात्रता रखते हैं, उनके बारे में अखबार में विज्ञापन निकाल सकती है और उन्हें नाम वापस लेने की अपील कर सकती है. ऐसा नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई का एलान कर सकती है लेकिन सरकार मामले को उलझाए रख राशन लूट को बढ़ावा दे रही है. संवाददाता सम्मेलन को खेग्रामस के सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद, महासचिव धीरेन्द्र झा, राज्य के सम्मानित अध्यक्ष सत्यदेव राम, राज्य अध्यक्ष बीरेंद्र गुप्ता और राज्य सचिव गोपाल रविदास ने संबोधित किया.

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