गोबिंद सिंह लोंगोवाल फिर बने एसजीपीसी प्रमुख - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 नवंबर 2019

गोबिंद सिंह लोंगोवाल फिर बने एसजीपीसी प्रमुख

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अमृतसर, 27 नवंबर, गोबिंद सिंह लोंगोवाल को बुधवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की सालाना आम सभा की बैठक के दौरान फिर से इसका अध्यक्ष चुना गया। वह लगातार तीसरी बार शीर्ष गुरुद्वारा संस्था की अध्यक्षता करेंगे। पहली बार वह नवंबर 2017 में इसके अध्यक्ष चुने गये थे। समिति की पूर्व अध्यक्ष जागीर कौर ने समिति परिसर में तेजा सिंह सामुदरी हॉल में सालाना आम सभा में लोगोंवाल का नाम प्रस्तावित किया, जिसके बाद सर्वसम्मति से उन्हें फिर से अध्यक्ष चुन लिया गया। लोंगोवाल एसजीपीसी के 44वें प्रमुख बने हैं।  वह 1985, 1997, 2002 और 2015 में विधायक थे और 2011 में एसजीपीसी के सदस्य बने। लोंगोवाल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘धार्मिक संस्था की सेवा की खातिर एक और मौका देने के लिये मैं वाहेगुरु का शुक्रगुजार हूं। मैं शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पार्टी का भी शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया। मैं सिख समुदाय के लिये कड़ी मेहनत करूंगा और उनके लिये हमेशा उपलब्ध रहूंगा।’’  अध्यक्ष के तौर पर लोंगोवाल के फिर से चुने जाने से एक दिन पहले एसजीपीसी सदस्यों ने शिअद के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते हुए कथित रूप से सुखबीर बादल को अध्यक्ष, पदाधिकारियों और कार्यकारी संस्था के नाम पर फैसला लेने का सारे अधिकार दिये थे। सुखबरी बादल ने एसजीपीसी प्रमुख के चुनाव के संबंध में समिति के मौजूदा पदाधिकारियों, सदस्यों और पार्टी विधायकों के साथ मंगलवार शाम को बंद दरवाजे में बैठक की थी। नाम पर फैसला लेने के मकसद से उन्होंने पिछले दो दिन में एसजीपीसी सदस्यों की प्रतिक्रिया जानने के लिये उनसे मुलाकात की। एसजीपीसी की आम सभा में कुल 191 सदस्य हैं, जिनमें 170 निर्वाचित सदस्य हैं इसके अलावा पांच तख्तों के जत्थेदार, स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी तथा 15 नामित सदस्य होते हैं। एसजीपीसी अध्यक्ष के चुनाव में सिर्फ 185 सदस्यों को मतदान का अधिकार होता है। एसजीपीसी का आखिरी आम चुनाव 2011 में हुआ था जिसमें 170 सदस्य चुने गये थे। बैठक के दौरान राजिंदर सिंह मेहता समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, गुरबख्श सिंह नवाशहर कनिष्ठ उपाध्यक्ष और हरजिंदर सिंह धामी एसजीपीसी महासचिव चुने गए। इसके अलावा समिति के 11 कार्यकारी सदस्यों को भी चुना गया। इन सदस्यों में भूपिंदर सिंह असंद, जगसिर सिंह, हरपाल सिंह गोरा, शेर सिंह मंडवाला, परमजीत खेड़ा, जसमेर सिंह, अमरजीत सिंह भलाईपुर, सुरजीत सिंह कांग, इंदरमोहन सिंह, मुखविंदर सिंह और बीबी कुलदीप कौर तोहरा शामिल हैं। इस बीच बालविंदर सिंह बैंस, महिंदर सिंह हुसैनपुर, सुखदेव सिंह भौर, अमरिक सिंह शाहपुर और सरवन सिंह समेत 10 सदस्यों ने 2015 में राज्य में हुई बेअदबी की घटना से निपटने के तरीके पर अपना विरोध जताने के लिये बैठक का बहिष्कार किया।

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