आईआईटी के शोधकर्ता तैयार करेंगे ‘गांधीपीडिया’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

आईआईटी के शोधकर्ता तैयार करेंगे ‘गांधीपीडिया’

iit-student-make-gandhipedia
कोलकाता, 29 नवंबर, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) और दो आईआईटी, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में ‘गांधीपीडिया’ तैयार करने के लिए साथ काम करेंगे। ‘गांधीपीडिया’ गांधी द्वारा लिखी गई पुस्तकों, पत्रों एवं भाषण का ऑनलाइन संग्रह होगा। आईआईटी खड़गपुर ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस पूरी परियोजना को कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) की मदद से पूरा किया जाएगा।  संस्थान ने कहा कि पहले चरण में महात्मा गांधी द्वारा लिखी गईं 40 से अधिक पुस्तकों का डिजिटलीकरण किया जाएगा और उन्हें क्रमबद्ध किया जाएगा। साथ ही इनके कुछ भागों को ट्वीट भी किया जाएगा।  बयान में कहा गया, “इस पुस्तकों का प्रयोग महात्मा गांधी के सामाजिक नेटवर्क को फिर से संगठित करने के लिए किया जाएगा, इनमें वे लोग भी शामिल होंगे जिन्होंने उन्हें प्रभावित किया और जिन लोगों को उन्होंने प्रभावित किया।”  आईआईटी खड़गपुर ने कहा कि पहला चरण अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद चार और चरण होंगे जिन्हें मार्च, 2024 तक पूरा किया जाएगा। एनसीएसएम और आईआईटी खड़गपुर के अलावा इस परियोजना में आईआईटी गांधीनगर भी शामिल होगा। एनसीएसएम संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाला एक स्वायत्त संस्थान हैं।  आईआईटी खड़गपुर के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापक अनिमेष मुखर्जी ने कहा कि महात्मा गांधी की किताब ‘सच के साथ मेरे प्रयोग’ को उनके सामाजिक नेटवर्क को पुन: जोड़ने के लिए सबसे पहले इस्तेमाल किया जाएगा। परियोजना की अगुवाई कर रहे मुखर्जी ने बताया कि महात्मा गांधी के पत्रों एवं भाषणों सहित उनकी कुल 100 कृतियां पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी।

कोई टिप्पणी नहीं: