श्रीनगर, 30 नवंबर, कश्मीर में सभी मंचों पर इंटरनेट सेवाएं लगातार बंद चल रही हैं जबकि स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से वहां इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुछ सरकारी दफ्तरों और कारोबारी प्रतिष्ठानों को छोड़कर समूची घाटी में इंटरनेट सेवाएं लगातार बंद हैं। उन्होंने बताया कि इस सेवा को बहाल करने के बारे में अधिकारियों की ओर से अब तक कोई आदेश नहीं आया है जबकि इसके लिए विशेषकर पत्रकार समुदाय से मांगें बढ़ रही हैं। मीडिया कर्मी कम से कम बीएसएनएल ब्रॉडबैंड सेवाओं को बहाल करने की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपनी पेशेवर जिम्मेदारी पूरी कर सकें। अधिकारियों ने पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने तथा पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित करने के केंद्र के फैसले की घोषणा के कुछ घंटे पहले ही संचार की सभी लाइनों - लैंडलाइन टेलीफोन सेवा, मोबाइल फोन सेवा और सभी मंचों पर इंटरनेट सेवा को काट दिया था। शीर्ष स्तर और दूसरी श्रेणी के अधिकतर अलगाववादी नेताओं को एहतियातन हिरासत में रखा गया है जबकि दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा के नेताओं को या तो हिरासत में रखा गया है या उन्हें नजरबंद किया गया है। पहले लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं धीरे-धीरे बहाल की गईं, बाद में पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल हुईं। हालांकि प्रीपेड मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं अब भी बहाल नहीं हुई हैं। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी आशंकाएं हैं कि घाटी में कानून व्यवस्था बिगाड़ने के लिए निहित स्वार्थवश इंटरनेट सेवाओं का गलत इस्तेमाल हो सकता है और स्थिति के आकलन के बाद उचित समय आने पर इन सुविधाओं को बहाल किया जाएगा।
शनिवार, 30 नवंबर 2019
कश्मीर में सभी मंचों पर इंटरनेट सेवाएं लगातार बंद
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