बिहार : परम्परागत ढंग से ऑल सोल्स डे के अवसर पर मिस्सा पूजा में की प्रार्थना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 7 नवंबर 2019

बिहार : परम्परागत ढंग से ऑल सोल्स डे के अवसर पर मिस्सा पूजा में की प्रार्थना

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बेतिया (आर्यावर्त संवाददाता) बेतिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर सेबास्टियन गोवियस ने कि आज हमलोग 274 वर्ष पुराने ऐतिहासिक कब्रिस्तान में उपस्थित होकर  मृत्यु का शोक मनाने नहीं पहुंचे है। बल्कि अपना विश्वास व्यक्त करने आए हैं।क्योंकि यहां अनंत शांति में विश्राम कर रहे हमारे अपने पुनर्जीवित होंगे। पुनरुत्थान में कलीसिया का विश्वास है। कमलनाथ नगर स्थित कब्रिस्तान में मिस्सा नहीं करने का ऐलान था खबर थी कि इस कब्रिस्तान की स्थिति ठीक नहीं है। तो पल्ली पुरोहित फादर सुशील साह के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि 2 नवम्बर को ऑल सोल्स डे के दिन बेतिया चर्च में ही 3 बजे से मिस्सा होगा। चर्च में मिस्सा पूजा खत्म होने के बाद कुछ पुरोहित कब्रिस्तान में जाकर कब्रों पर पवित्र जल का छिड़काव आशीष  के रूप में कर देंगे। 

पब्लिक प्रेशर में स्थान और समय में परिवर्तन
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. विनोद माइकल ने कहा कि कब्रिस्ताम में जाकर देखा कि बहुत सारे रिलेटिव्स के कब्र को वाइट वास कराया गया है और सफाई करवाई गयी है कहीं भी कब्रिस्तान में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल पीछे साइड में कुछ जगह कीचड़ बना हुआ है बाकी पूरा कब्रिस्तान एकदम क्लियर है। बेमौसम बारिश होने से कब्रिस्तान में पानी होने की खबर के कारण बहुत सारे लोग कब्रिस्तान में अपने रिश्तेदारों के कब्र को सफाई तक नहीं करवाने गए जिसके वजह से यहां से दिख रहा है। आगे कहते हैं कि यहां प्रत्येक साल 2 नवंबर को कब्रिस्तान में ही मिस्सा पूजा करने का दिन होता है ना कि चर्च में। 

सोशल मीडिया में जोरदार चर्चा होने का दबाव का असर सामने
बेतिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर सेबास्टियन गोबियस ने कब्रिस्तान की हकीकत की जानकारी  लेने के लिए दो फादर को भेजे थे। दोनों फादरों ने बिशप साहब को वास्तविक स्थिति से अवगत करा दिया कि बेशक कब्रिस्तान में मिस्सा पूजा संभव है। इस तरह कब्रिस्तान में मिस्सा पूजा करवाने का आग्रह सोशल मीडिया और क्रिश्चियन कम्युनिटी फोरम का स्वीकार कर लिया गया। ईसाई समुदाय भी बहुत बड़ा योगदान रहा।

बेतिया कब्रिस्तान में ही मिस्सा पूजा 
ना-ना करके हां-हां करके स्थान व समय में परिवर्तन कर बेतिया पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर सुशील साह ने कहा कि ईसाई समुदाय को जानकारी दी जाए कि कब्रिस्तान में ही 3:30 बजे  से मिस्सा होगा। इस तरह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सका। सभी पल्लिवासियों को सूचित किया गया और खुशी-खुशी पल्लीवासी पहुंचे। 

मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि नव जीवन की शुरुआत
आज हमलोग 274 वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक कब्रिस्तान में मृत्यु का शोक मनाने नहीं पहुंचे है। क्योंकि यहां अनंत शांति में विश्राम कर रहे हमारे अपने पुनर्जीवित होंगे। पुनरुत्थान में कलीसिया का विश्वास है। प्रभु मसीह आएंगे और विश्राम कर रहे हमारे प्रियजन अनंत जीवन के सहभागी बनेंगे। मौके पर बेतिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष फादर पीटर सेबास्टियन गोवियस कमलनाथ नगर स्थित कब्रिस्तान में पवित्र वेदी से संबोधित कर रहे थे।  इस मौके पर पल्ली पुरोहित फादर सुशील साह ने कहा कि आज का दिन ईसाई समुदाय के लिए महत्वपूर्ण दिन है। क्योंकि प्रभु येशु की कृपा से हमारे परिजन पुनर्जीवित होंगे। मौके पर विशेष मिस्सा पूजा का आयोजन किया गया। भजन मंडली ने धार्मिक भजनों को गाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया। ऑल सोल्स डे में शामिल होने के लिए देश के दूसरे हिस्सों में रहने वाले कैथोलिक धर्मावलंबी बेतिया पहुंचे थे। एक दिन पूर्व में सभी ने अपने परिजनों के कब्रों की साफ-सफाई की थी। पर्व के दिन कब्रों पर मोमबत्तियां जला व फूल-मालाओं को चढ़ाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान फादर हेनरी फर्नाडो समेत जिले के दर्जनों पुरोहित शामिल थे। भक्तों के बीच परम प्रसाद का वितरण किया गया।

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