बिहार : लोकतांत्रिक जन पहल के बैनर तले शांति मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 7 नवंबर 2019

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बिहार : लोकतांत्रिक जन पहल के बैनर तले शांति मार्च

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पटना। आज लोकतांत्रिक जन पहल के बैनर तले शांति मार्च आयोजित की गयी.पिछले दिनों पटना के आलमगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा से  अफवाहों का बाजार गर्म हो गया था. इससे दो समुदायों के बीच में अविश्वास के माहौल उत्पन्न  को हो गया. इसको खत्मा करने के लिए लोकतांत्रिक जन पहल ने शांति मार्च आयोजित की. सैकड़ों की संख्या में शांति पसंद नागरिकों ने सड़क पर उतरकर नारा लिखित तख्तियां लेकर चले. यह नारा लिखे 'साथ जीना साथ मरना, पड़ोसी की सुरक्षा का दायित्व आप पर है,हमारी एकता देश की एकता है. यह शांति मार्च सुलतानगंज स्थित मलेरिया आफिस से शुरू हो कर गायघाट और शेरशाह रोड तक गया. इसमें सैकड़ों की तादाद में हिंदू-मुस्लिम और ईसाई समुदाय के अमनपसंद लोगों ने हिस्सा लिया.काबिले जिक्र है कि बीते सोमवार की रात मूर्ति विसर्जन जुलूस के आयोजकों में आपसी झड़प ने अचानक साम्प्रदायिक रंग ले लिया था जिसके बाद आलमगंज इलाके में तोड़-फोड़ और पत्थरबाजी शुरू हो गयी. बाद में पुलिस ने मामले को काबू में किया लेकिन उसके बाद दोनों समुदायों के बीच अविश्वास और संदेह का माहौल बढ़ गया. इसकारण बड़े पैमाने पर तनाव था. लोकतांत्रिक जन पहल की टीम ने पहले हालात का जायजा लिया और उसके बाद विश्वास बढ़ाने के लिए शांति मार्च का आयोजन किया. इस आयोजन की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर समुदाय के लोग खुद ही इस मार्च का हिस्सा बनते चले गये. लोकतांत्रिक जन पहल के सत्यनारायण मदन, कंचन बाला अफजल हुसैन और इर्शादुल हक ने बताया कि इस मार्च के आयोजन से आलमगंज और सुलतान गंज के दोनों समुदायों के लोगों पर व्यापक सकारात्मक असर पड़ा है. लोगों में संदेह का माहौल कम हुआ है और विश्वास बढ़ा है. आम लोगों ने भी इस मार्च का व्यापक स्वागत किया. इस आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता सुधा वर्गीस, नैयर फातमी, आसमा खान, सिस्टर फ्लोरीन, विनोद रंजन, शम्स खान, अशोक कुमार, प्रवीण मधु, कमाल अशरफ राईन, रुपेश, आरती वर्मा, असर्फी सदा, गालिब खान,अनवारुल होदा, कीर्ति, मुश्ताक राहत, मुजफ्फर जैदी, बैजु दास, प्रो. वसी अहमद, ताबिश नकी, सुनिता सिन्हा, शहबाज, सिस्टर सिबली, अनुपम प्रियदर्शी, सुरूर अहमद,  मोहम्मद आसिफ, नाजनीन बानो, गुलाम सरवर आजाद, महेंद्र यादव, गणेश, मुरारी, इकबाल अहमद के अलावा दीगर सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

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