मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया है। उद्धव ठाकरे की सरकार के पक्ष में कुल 169 विधायकों ने अपना समर्थन दिया। हालांकि फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सदन में हंगामा किया। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह विशेष सत्र संवैधानिक नियमों के खिलाफ जाकर बुलाया गया है। इसके बाद भाजपा के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर लिया। इस बीच भाजपा के अलावा तीन पार्टियां और ऐसी रहीं, जिनके चार विधायकों ने ना ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पक्ष में मतदान नहीं किया और ना ही विरोध में। आइए जानते हैं, कौन सी हैं ये तीन पार्टी।
इन चार विधायकों ने नहीं लिया वोटिंग में हिस्सा
शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कुल 169 विधायकों का समर्थन मिला। इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। भाजपा के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के दो विधायक, राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक विधायक और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीएम के एक विधायक ने ना तो उद्धव ठाकरे के पक्ष में मतदान किया और ना ही विरोध में। वोटिंग के दौरान ये चारों विधायक तटस्थ रहे। इस तरह उद्धव ठाकरे के पक्ष में 169 वोट और विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। चार सदस्य वोटिंग से दूर रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें