विदिशा को नीति आयोग द्वारा प्रोत्साहन राशि तीन करोड़ जारी
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि नीति आयोग के मापदण्डों पर विदिशा जिले में हुए सुधार कार्यो के फलस्वरूप आयोग द्वारा तीन करोड़ की प्रोत्साहन राशि जारी की गई है के आश्य का पत्र नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत के द्वारा जारी किया गया है। विदिशा जिले को प्राप्त होने वाली तीन करोड़ की प्रोत्साहन राशि का उपयोग शिक्षा, कृषि और जल संसाधन के क्रियान्वित कार्यो पर व्यय की जाएगी। ज्ञातव्य हो कि नीति आयोग द्वारा जारी देश के 117 आकांक्षी जिलो की सूची में विदिशा जिला भी शामिल है। नीति आयोग के इंडिकेटरों पर लगातार कार्यो के सम्पादन फलस्वरूप करने के फलस्वरूव अब संबंधित हितग्राही सीधे लाभांवित हो रहे है। आयोग द्वारा जारी अक्टूबर माह की डेल्टा रैकिंग में विदिशा जिला देश में 11वें स्थान पर है वही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में 13वें रैंक पर है।
बाढ़ से हुई फसलों की क्षति की राहत राशि का वितरण शीघ्र
जिले में हुई अतिवृष्टि एवं बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसले क्षतिग्रस्त हुई थी। सर्वे उपरांत चिन्हित पीड़ित कृषकों के लिए शीघ्र ही राहत राशि जारी की जाएगी। ततसंबंध में तैयारियों संबंधी समीक्षा बैठक कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के द्वारा आज कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आहूत की गई थी। कलेक्टर श्री सिंह ने समस्त एसडीएम, राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए है कि निर्धारित फार्मेट में प्रभावित किसानों के बैंक नम्बर, आईएफएससी कोड़ की छाया प्रति प्राप्त करने के लिए पटवारियों को अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो का विशेष ध्यान रखा जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में 25 प्रतिशत राहत राशि के बिल कोषालय में लगाए जाएंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने संबंधितों को बैठक में निर्देश दिए कि राहत राशि के बिल पूर्ण जांच पड़ताल के उपरांत संधारित सूची के अनुसार तहसील स्तर पर जिला कोषालय, उप कोषालयों में बिल लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ट्रेजरी में बैंक खाता मिलान से बिल फेल नही होना चाहिए का पूरा ध्यान रखा जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने एक्सल शीट पर सूची संधारित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामवार अधिकतम दो बिल लगाए जाएं। उन्होंने ट्रांजेक्शन फेल ना हो पर विशेष बल दिया। जिले के प्रभावित ऐसे कृषक जिनके द्वारा अब तक बैंक खातो की जानकारी नही दी गई है उन सभी से आग्रह किया गया कि एक दो दिन के भीतर बैंक खाता एवं आईएफएससी कोड की छाया प्रति संबंधित पटवारी को उपलब्ध कराएं ताकि राहत राशि वितरण की कार्यवाही प्रक्रिया का क्रियान्वयन किया जा सकें। जिला कोषालय अधिकारी श्री उमेश श्रीवास्तव ने राजस्व अधिकारियों से आग्रह किया कि पीड़ित किसानों के बैंक खाता संग्रहण के दौरान राष्ट्रीयकृत बैंको के खाते प्राप्त करने का प्रयास किया जाए ताकि ट्रांजेक्शन फेल ना हो सकें। कलेक्टर श्री सिंह ने राहत राशि वितरण के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह को दिए। उन्होंने कहा कि पटवारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र के कम से कम 85 प्रतिशत खाते प्राप्ति के उपरांत ही ट्रेजरी में बिल लगाए जाएं। उन्होंने तहसीलदार एवं एसडीएम को सचेत करते हुए कहा कि एक दो किसानों के बिल ही ना लगाएं बल्कि अधिक से अधिक संख्या किसानों की शामिल हो। ट्रांजेक्शन में फेल होने वाले बिलों की एकजाई सूची में मिलान के उपरांत पृथक से बिल लगाए जाएं।
हिट एण्ड रन के छह प्रकरणों में मदद जारी
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने हिट एण्ड रन के छह प्रकरणों में आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप इन छह प्रकरणों में संबंधित आश्रितजन को क्रमशः 15-15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है। नटेरन तहसील में ग्राम आमखेडा सूखा के श्री अलाउद्वीन खां की मृत्यु उपरांत मृतक की पत्नी श्रीमती बदरून बी को, विदिशा शहर के अयोध्या नगर निवासी श्री सुरेन्द्र की मृत्यु उपरांत मृतक की मां श्रीमती सूरजबाई को सहित प्रत्येक को क्रमशः 15-15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है। विदिशा जिले में ग्राम पांझ के पास नासिक जिले के तीर्थयात्रियें को लेकर जा रही बस दुर्घटना में मृत चार के परिजनों को 15-15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है। उनमें श्रीमती सविता बाई पत्नि भगवता ढिकले की मृत्यु उपरांत मृतिका के पुत्र श्री समाधान ढिकले निवासी रान सैयत पिम्परों तालुक जिला नासिक को, श्री शिवाजी पुत्र श्री पाण्डुरंग की मृत्यु होने पर मृतक की पत्नि श्रीमती शोभा निवासी रान सैयत पिम्परों तालुक जिला नासिक को तथा श्री दशरथ पुत्र काशीराम की मृत्यु होने पर मृतक की पत्नि श्रीमती कोशाबाई मुकाम पोस्ट शिंद गांव तालुक जिला नासिक को और श्रीमती ममता उर्फ मंदाबाई की मृत्यु हो जाने पर मृतिका के पति श्री अशोक केदार निवासी नासिक महाराष्ट्र को सहायता राशि जारी की गई है।
जनपद सीईओ भारमुक्त
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने विदिशा जनपद पंचायत सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा का स्थानांतरण भोपाल हो जाने पर श्रीमती शर्मा को आज भारमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है। विदिशा जनपद पंचायत सीईओ का प्रभार जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ श्री दया शंकर सिंह को सौंपा गया है।
निर्वाचक नामावली के संक्षिप्त पुनरीक्षण का संशोधित कार्यक्रम जारी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा फोटो निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2020 का संशोधित कार्यक्रम जारी किया गया है, जिसके तहत अब एक जनवरी 2020 की अर्हता तिथि के दृष्टिगत कार्यक्रम की तिथियों में परिवर्तन हुआ है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पुनरीक्षण पूर्व गतिविधियों में इलेक्टर्स वेरीफिकेशन प्रोग्राम एवं पुनरीक्षण पूर्व की गतिविधियां और मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण का कार्य 30 नवम्बर तक किया जाएगा। एकजाई प्रारूप निर्वाचक नामावली के प्रारूप का प्रकाशन 16 दिसम्बर को किया जाकर 16 दिसम्बर 19 से 15 जनवरी 20 तक दावे-आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। दावे-आपत्तियों का निराकरण 27 जनवरी 20 के पहले होगा। इसी तरह 4 फरवरी 20 को पूरक सूची और 7 फरवरी 20 को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
टेली लॉ योजना प्रारंभ मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी
सरकार ने न्याय को आसान बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र मे रहने वाले गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की ‘‘ टेली लॉ योजना’’ शुरू की है । इस योजना में कॉमन सर्विस सेंटर से वीडियो काँफ्रेंसिंग के जरिये जरूरत मंदो को दिल्ली में बैठे वकीलों से मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी । विधि एवम न्याय मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक एवम सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस योजना को संचालित कर रहा है । इसके लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत पंचायत स्तर पर संचालित हो रहे इस योजना में टेली लॉ नाम का एक पोर्टल शुरू किया गया है, जो कि सभी कॉमन सर्विस सेंटर वेब पर उपलब्ध है । टेली लॉ के जरिये लोग वीडियो काँफ्रेंसिंग से कॉमन सर्विस सेंटर पर वकीलों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे जो जरूरतमंद को वीडियो काँफ्रेंसिंग के जरिए कानूनी सलाह ओर परामर्श देंगे।
कृषि में ‘‘शुद्ध के लिए युद्ध’’ 30 नवम्बर तक
कृषकों को मानक स्तर का खाद बीज उपलब्ध कराने के लिए 15 नवम्बर से गुणवत्ता नियंत्रण “शुद्ध के लिए युद्ध” हेतु सघन अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के अंतर्गत जिला, अनुविभाग एवं विकासखंड स्तर पर टीम का गठन कर खाद, बीज एवं कीटनाशक विक्रेताओं के विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा हैं। “शुद्ध के लिए युद्ध” अभियान के तहत 30 नवम्बर तक लगातार सघन निरीक्षण किए जाएंगे एवं किसी भी प्रकार की अनियमित्ता पाए जाने पर कीटनाशी अधिनियम 1968 उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्यवाही की जाएगी ।
नगरीय निकायों में ई-नगरपालिका पोर्टल से स्वीकृति, भुगतान करने के निर्देश
सभी नगरीय निकायों में ई-नगरपालिका पोर्टल के माध्यम से कम्प्यूटराईज्ड प्रणाली लागू की गई है । प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास ने निर्देशित किया है कि निकायों के सभी लेखों को इलेक्ट्रॉनिक मोड में ही संधारित करें । सभी प्रकार की स्वीकृतियाँ, भुगतान एवं प्राप्तियाँ ई-नगरपालिका पोर्टल के माध्यम से ही करने के निर्देश दिये गये हैं । नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि बजट के अनुसार ही स्वीकृतियाँ जारी करें। सभी स्वीकृति ऑनलाइन जारी होंगी । भुगतान के लिये निर्माण कार्य एवं खरीदी से संबंधित सभी देयक निर्माण एजेन्सी अथवा विक्रेता द्वारा स्वयं सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्तुत किये जाएंगे । छोटे खर्चो के देयक भी प्राप्त होते ही लेखापाल द्वारा सॉफ्टवेयर में दर्ज किये जाएंगे । पहले प्राप्त होने वाले देयकों का भुगतान पहले किया जाएगा । देयक एक साथ प्राप्त होने पर अनुपातिक रूप में समान भुगतान किया जाए । समस्त प्राप्तियाँ सीधे ई-नगरपालिका पोर्टल के माध्यम से ली जाएं । मेन्युअल रसीद नहीं काटी जाए । वार्डवार और राजस्व निरीक्षकवार राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित कर वास्तविक वसूली के आधार पर पुरस्कार एवं दण्ड की व्यवस्था की जाए । निर्देशों की अवेहलना होने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए हैं।
सरदार पटेल नेशनल यूनिटी अवार्ड 2019 के लिए आवेदन आमंत्रित
भारत सरकार द्वारा सरदार पटेल नेशनल यूनिटी अवार्ड-2019 के लिए ऑनलाईन आवेदन 30 नवम्बर 2019 तक चाहे गए है। इच्छुक व्यक्ति भारत सरकार की बेबसाईटू www.nationalunitywaards.mha.gov.in पर ऑनलाईन आवेदन 30 नवम्बर 2019 तक जमा करवा सकते है । विस्तृत जानकारी उक्त वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है ।
अनुमति बगैर अतिरिक्त भवन निर्माण की अनुमति के लिए ऑनलाइन करें आवेदन
स्वीकृत भवन अनुज्ञा के विपरीत अतिरिक्त भवन निर्माण के प्रकरणों के प्रशमन (निराकरण) के लिये आवेदन को निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री पी. नरहरि ने जानकारी दी है कि ऑनलाइन आवेदन जमा करने की सुविधा ई-नगरपालिका के अंतर्गत पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है । अप्राधिकृत संन्निर्माण के प्रशमन में छूट (10 प्रतिशत की सीमा तक) के लिये ऑनलाइन आवेदन के साथ अतिरिक्त निर्माण के संबंध में नक्शे की इलेक्ट्रॉनिक प्रति भी अपलोड करनी होगी। ऑनलाइन पोर्टल से ही जमा की जाने वाली राशि की जानकारी आवेदक को मिलेगी। निर्धारित राशि जमा करने पर उसे डिजिटल हस्ताक्षरित अनुमति-पत्र 15 दिन में जारी किया जाएगा। आवेदक को आवेदन करते समय ही इलेक्ट्रॉनिक मोड में यह प्रमाणीकरण करवा लिया जाएगा कि उसके द्वारा दी गई जानकारी सही है तथा जानकारी गलत होने पर उसके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी । बिना सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के भवन निर्मित करने के प्रशमन के लिए भवन अनुज्ञा प्राप्त करने की प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा । इसमें अन्य कोई अनियमिताएँ नहीं पाए जाने पर निर्धारित शुल्क लेकर प्रशमन की स्वीकृति दी जाएगी । ऐसे प्रकरण पूर्व से संचालित ऑनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत निराकृत किये जाएंगे । आवेदक को प्रत्येक स्तर पर एसएमएस ई-मेल द्वारा सूचित किया जाएगा । इन प्रकरणों में स्थल जाँच एवं परीक्षण भी आवश्यक होगा, किन्तु किसी भी परिस्थिति में यह अनुज्ञा 30 दिन में जारी अथवा अस्वीकृत की जाएगी ।
फसल ऋण माफी योजना कमिश्नर ने दिए निर्देश
कमिश्नर श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने संभाग के समस्त कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत प्राप्त आवेदनों के अनुसार पोर्टल पर डाटा प्रविविष्ट को संशोधित करने हेतु पुनरू प्रारंभ किए गए पोर्टल पर निर्धारित 7 दिसम्बर तक कार्य संपन्न करें। श्रीमती श्रीवास्तव ने सभी कलेक्टर्स को जिले के समस्त सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों को नवीन आदेश और प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
किसानों को बिजली देने की समय सारणी तय करेंगे प्रभारी मंत्री
किसानों को रबी सीजन में 10 घण्टे बिजली देने की समय-सारणी जिले के प्रभारी मंत्री योजना समिति की बैठक में तय करेंगे। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि प्रभारी मंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि योजना समिति की बैठक में विद्युत प्रदाय के घंटों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा है कि समीक्षा के बाद जिले में किसानों की आवश्यकतानुसार उन्हे 10 घंटे निरंतर अथवा 6 घंटे तथा 4 घंटे की समय सारणी निर्धारित करने के लिए संबंधित अधीक्षण यंत्री को निर्देशित करें। श्री सिंह ने कहा है कि अधीक्षण यंत्रियों को निर्देशानुसार समय-सारणी लागू करने के निर्देश दिये गये हैं। ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि किसानों को 10 घण्टे बिजली देने के लिए विभाग कृत संकल्पित है। उन्होंने बताया है कि वर्तमान में कृषि कार्य के लिए 2 समय-सारणी में बिजली दी जा रही है। प्रथम समय-सारणी के अनुसार किसानों को 24 घण्टे में 6 घण्टे और 4 घण्टे की अवधि के लिए बिजली दी जाती है। इस समय को प्रति सप्ताह बदल दिया जाता है। दूसरी समय-सारणी में किसानों को 24 घण्टे में निरन्तर 10 घंटे बिजली दी जाती है। इसका भी समय प्रति सप्ताह परिवर्तित कर दिया जाता है।
प्याज मूल्य नियन्त्रण अधिसूचना जारी
प्रदेश में प्याज के मूल्यों पर नियंत्रण कायम रखने तथा उपभोक्ताओं को प्याज की निरन्तर आपूर्ति बनाए रखने के लिए ष्मध्यप्रदेश प्याज व्यापारी (स्टॉक सीमा तथा जमाखोरी पर निर्बन्धन) आदेश 2019ष् जारी किया गया है। इसके अनुसार थोक प्याज व्यापारी तथा कमीशन एजेंट के लिये अधिकतम 500 क्विंटल तथा फुटकर व्यापारी के लिये अधिकतम 100 क्विंटल स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है। यह आदेश 30 नवम्बर 2019 तक प्रभावी रहेगा। राज्य शासन ने सभी थोक और फुटकर प्याज विक्रेताओं के लिये स्टाक पंजी का संधारण करना और स्टाक की अद्यतन स्थिति का बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है। अब प्याज स्टॉक की उपलब्धता होने पर व्यापारी विक्रय करने से इंकार नहीं कर सकेगा। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, नापतौल निरीक्षक, नायब तहसीलदार, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक स्तर तक अथवा उससे वरिष्ठ अधिकारी अपने क्षेत्रान्तर्गत व्यापारी से प्याज के संबंध में जानकारी मांग सकते हैं।
प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना में किसान कराये अपना पंजीयन
भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना में किसान भई अपना पंजीयन कामन सर्विस सेंटर पर जाकर करा सकते है। साथ ही किसान पोर्टल पर स्वयं भी आवेदन कर सकते है। प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के तहत दो हैक्टेयर भूमि तक के कृषक जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष तक है। वह इस योजना में पंजीयन कर सकते है। पंजीकृत कृषकों को 60 वर्ष की आयु के बाद प्रतिमाह 3 हजार रुपये की राशि पेंशन के रूप में प्राप्त होगी। इस योजना के तहत किसान भाई को प्रीमियम की हर माह जितनी राशि जमा करना होगी, उतनी ही राशि शासन द्वारा भी कृषक के खाते में जमा कराई जायेगी। पंजीयन हेतु कृषकों को अपने साथ खसरा, खतौनी की नकल, आधारकार्ड, दो-दो फोटो एवं बैंक पासबुक लेकर जाना होगा। अधिक जानकारी के लिए परियोजना संचालक आत्मा के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। योजना अन्तर्गत किसानों को अपनी आयु अनुसार प्रीमियम देना होगी। 18 वर्ष के कृषक को प्रतिमाह 55 रुपये, 19 वर्ष के कृषको को 58, 20 वर्ष के कृषको को 61, 21 वर्ष के कृषको को 64, 22 वर्ष के कृषको को 68, 23 वर्ष के कृषको को 72, 24 वर्ष के कृषको को 76, 25 वर्ष के कृषको को 80, 26 वर्ष के कृषको को 85, 27 वर्ष के कृषको को 90, 28 वर्ष के कृषको को 95, 29 वर्ष के कृषको को 100, 30 वर्ष के कृषको को 105, 31 वर्ष के कृषको को 110, 32 वर्ष के कृषको को 120, 33 वर्ष के कृषको को 130, 34 वर्ष के कृषको को 140, 35 वर्ष के कृषको को 150, 36 वर्ष के कृषको को 160, 37 वर्ष के कृषको को 170, 38 वर्ष के कृषको को 180, 39 वर्ष के कृषको को 190 एवं 40 वर्ष के कृषको को 200 रूपये प्रतिमाह जमा करने होंगे।
ऑगनवाड़ी के बाल शिक्षा केन्द्र में हो रही नौनिहालों की प्री-प्रायमरी पढ़ाई की तैयारी
महिला-बाल विकास विभाग ने प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड के एक ऑगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में 313 ऑगनवाड़ी केन्द्र में बाल शिक्षा केन्द्र शुरू किये गये हैं। इन बाल शिक्षा केन्द्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग के नौनिहालों को प्री-प्रायमरी शिक्षा की तैयारी कराई जा रही है। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखरेख और शिक्षा के संबंध में रेग्युलेटरी दिशा-निर्देश तैयार किये जा रहे हैं। इसके माध्यम से शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों के समुचित विकास के लिए संचालित की जा रही प्री-प्रायमरी संस्थाओं का नियमन, निगरानी और मूल्यांकन किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर भी शाला पूर्व शिक्षा नीति तथा नियामक दिशा-निर्देश बनाये जा रहे हैं।
पाठ्यक्रम निर्धारण
ऑगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष तक आयु के बच्चों के लिए 19 विषयों का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसमें स्वयं की पहचान, मेरा घर, व्यक्तिगत साफ-सफाई, रंग और आकृति, तापमान एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन, सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम और बच्चों का आत्म-विश्वास तथा हमारे त्यौहार शामिल हैं। बाल शिक्षा केन्द्र में बच्चों के लिए आयु समूह के अनुसार तीन एक्टीविटी वर्कबुक तैयार की गई हैं। बच्चों के विकास की निगरानी के लिए शिशु विकास कार्ड भी बनाए गए हैं। ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दिशा-निर्देश बाल शिक्षा केन्द्र में ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए साल भर में करवाई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक और साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसमें बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिए आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाए गए हैं। ऑगनवाड़ी छोडते समय बच्चों को प्रमाण-पत्र और प्रतिवर्ष पी.एस.ई.किट उपलब्ध कराई जा रही है। निपसिड़ से प्रशिक्षित स्टेट रिर्सोस ग्रुप के द्वारा राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किये गये हैं, जिनके द्वारा पर्यवेक्षकों को श्हेण्डस ऑनश् प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऑगनवाड़ी कार्यकताओं और सहायिकाओं को भी पर्यवेक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
खेल-खेल में शिक्षा
ऑगनवाड़ी शिक्षा केन्द्र में खेल-खेल में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए दैनिक गतिविधियाँ निर्धारित की गई हैं। इसमें क्रियात्मक और रचनात्मक खेल, नाटक अथवा नकल करने वाले खेल, सामूहिक और नियमबद्ध खेल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चे अपने मन से अकेले कुछ खेल खेलना चाहते हैं, उसे भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर खेलों के आधार पर बच्चों से अलग-अलग गतिविधियाँ कराई जाती हैं। केन्द्रों पर प्रतिदिन 3 से 4 घन्टे का समय शाला-पूर्व शिक्षा के लिए निर्धारित है। बच्चों को एक गतिविधि के लिए 15 से 20 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है क्योंकि 3 से 6 वर्ष तक की उम्र के बच्चे एक गतिविधि पर इससे अधिक समय तक ध्यान नहीं दे पाते।
कक्ष व्यवस्था
बच्चों को आकर्षित करने के लिए ऑगनवाड़ी शिक्षा केन्द्र में रंग बिरंगी साज-सज्जा की गई है। कक्ष में दीवारों पर चार्ट, पोस्टर्स और कटआऊट आदि लगाए गए हैं। कक्ष की दीवारों पर बच्चों के द्वारा बनाई गई सामग्री का प्रदर्शन भी किया गया है। बड़े समूह की गतिविधियों के लिए कक्ष के एक कोने में मंच की व्यवस्था की गई है, जहां बच्चे पुस्तक पढ़कर सुनाते हैं, गाना गाते हैं, कविताएं और कहानियाँ सुनाते हैं। बाल शिक्षा केन्द्र के कक्ष के अन्दर का वातावरण छोटे बच्चों की रूचि एवं विकासात्मक आवश्यकताओं के अनुसार बनाया गया है। बच्चों के खेलने के लिए अलग-अलग कोने जैसे गुडिया घर का कोना, संगीत का कोना, विज्ञापन एवं पर्यावरण प्रयोग का कोना, बिल्डिंग ब्लॉक से खेलने का कोना, शिल्पकला का कोना और कहानियों का कोना आदि बनाए गए हैं।
बाहरी वातावरण
बच्चों की माँसपेशियों के विकास के लिए खेलकूद और भागदौड़ जैसी शारीरिक गतिविधियाँ आवश्यक होती हैं। ऑगनवाड़ी केन्द्रों के बाल शिक्षा केन्द्र में प्रत्येक दिन एक विशेष समय के अंतराल में बच्चों को बाहरी खेल जैसे चढ़ने-उतरने वाले खेल, शारीरिक हलचल, झूले, फिसल पट्टी और संतुलन वाले खेल खिलाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, बगीचे में गड्ढा खोदना, पौधा लगाना, बागवानी आदि के खेल भी खिलाए जाते हैं।
श्रद्धा निधि का नाम परिवर्तित कर सम्मान निधि हुआ
मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रद्धा निधि का नाम परिवर्तित कर सम्मान निधि किया गया है। साथ ही अधिमान्यता प्राप्त वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों की सम्मान निधि सात हजार रूपये से बढाकर 10 हजार रूपये प्रतिमाह की गई है।
नशामुक्ति एवं शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान
प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए 31 मार्च 2020 तक प्रचार-प्रसार कर विशेष अभियान संचालित किया जायेगा। अभियान के तहत शासकीय कला पथक दलों के माध्यम से नशामुक्ति के साथ-साथ शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार का कार्य भी किया जायेगा। प्रत्येक संभाग के लिए दो कला पथक दल का गठन किया जायेगा। कला पथक दलों के माध्यम से नशामुक्ति, शासकीय योजनाओं पर आधारित नुक्कड़ नाटक एवं गीतों के माध्यम से प्रचार-प्रसार का कार्य किया जायेगा।
विश्व दिव्यांग दिवस तीन दिसम्बर को
प्रति वर्ष की भांति 3 दिसम्बर को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांगजनों के लिए खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। दिव्यांगजनों के लिए कुर्सी दौड़ 100 मीटर दौड़, बर्तन में बॉल डालना, रस्साकशी, रंगोली, चित्रकला, एकल नृत्य, सामूहिक संगीत, गान वादन सहित अन्य प्रतियोगिताएं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
खादी के प्रति जागरूकता लाने के लिये सुझाव आमंत्रित
मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने अपने फैशनेबल और डिजाइनर खादी वस्त्रों को ‘‘कबीरा’’ ब्रॉण्ड के नाम से मार्केट में लांच किया है। खादी की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 14 केन्द्र खोले गए हैं। ‘‘कबीरा’’ का मुख्य उद्देश्य सभी आयु वर्ग के लोगों के बीच खादी को लोकप्रिय बनाना है और उनमें स्वदेशी पोषाक के बारे में जागरूकता लाना है। मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने एमपी मायगव के माध्यम से लोगों में खादी के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये सुझाव एवं विचार आमंत्रित किए हैं। स्वदेशी वस्त्रों को लोकप्रिय बनाने के लिए नागरिक अपने सुझाव उच.उलहवअ.पद पर साझा कर सकते हैं। इस पोर्टल पर खादी से बने कपड़ों को लोकप्रिय बनाने और हाथ से बने कपड़ों के बारे में लोगों को जागरूक करने के बारे में विस्तार से बताया गया है।
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