बिहार : शान्तिपूर्ण धरने को बाधित करना निंदनीय: अध्यक्ष, ऐपवा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 दिसंबर 2019

बिहार : शान्तिपूर्ण धरने को बाधित करना निंदनीय: अध्यक्ष, ऐपवा

विभिन्न महिला संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी करके तीन मांगें रखी है - हैदराबाद एनकांउटर की गहन जांच, महिला उत्पीडन की घटनाओं का फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए 6 माह के भीतर निष्पादन, जस्टिस वर्मा कमिटी की सिफारिशों को अविलंब लागू करना।
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पटना,16 दिसम्बर। आज सोमवार को विभिन्न महिला संगठनों के द्वारा कारगिल चौक के पास शांतिपूर्ण ढंग से धरना-प्रदर्शन किया गया।इसे जिला प्रशासन बर्दाश्त नहीं कर सका। दण्डाधिकारी के नेतृत्व में भारी संख्या में महिला पुलिस आकर जनतंत्र में शांतिपूर्ण ढंग से धरना-प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को बाध्य कर दी की आपलोग कारगिल चौक के पास के आंदोलन को खत्म करके सरकार के द्वारा आवंटित स्थल गर्दनीबाग चल जाए नहीं जबरन हटा दिया जाएगा,अगर तब भी नहीं हटती हैं तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा। तब अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा ) की मीना तिवारी, शशि यादव, अनिता सिन्हा, अफ्शा ज़बी, पत्रकार निवेदिता, आसमां खान, सरिता पाण्डेय,कंचनबाला,अख्तरी बेगम आदि को हिरासत में लिया गया। मांग पूरी करने के बदले बस में बैठाकर महिला नेताओं को पुलिस गांधी मैदान महिला थाना ले गयी।

शान्तिपूर्ण धरने को बाधित करना निंदनीय:
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा ) की महासचिव मीना तिवारी, राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, राज्य सचिव शशि यादव, सह सचिव अनिता सिन्हा ने पुलिस द्वारा महिला संगठनों द्वारा आयोजित शांति पूर्ण धरने की बाधित करने एवं महिलाओं की गिरफ्तारी की तीखी निंदा की है और मांग की है बलात्कारियों एवं अपराराधियों पर अंकुश लगाने पर पुलिस प्रशासन ध्यान दें न कि आंदोलनों के दमन में उर्जा लगाए। आन्दोलन पर जितना दमन किया जाएगा वह उतना ही विस्तारित होगा।आगे नेताओं ने मांग किया कि दोधरनार्थियों की मांगें अविलंब पूरी की जाएं। पुलिस दमन, नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ वामपंथी पार्टियों द्वारा 19 दिसंबर को बिहार बंद सभी महिला संगठनों, छात्र संगठन और नागरिकों की तरफ से हिंसा, बलात्कार , महिलाओं को जिन्दा जलाने और फेक इनकाउंटर के खिलाफ धरना और आम सभा कर रही थी। स्थानीय पुलिस ने शान्तिपूर्ण धरने को बाधित कर दी। इसका व्यापक निंदा हो रही है। इसके आलोक में 19 दिसंबर को बिहार बंद रहेगा।  ऐपवा की ओर जारी बयान में विभा गुप्ता ने कहा कि पुलिस दमन, नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ वामपंथी पार्टियों द्वारा आयोजित बिहार बंद को सफल करने में ऐपवा की महिलाएं सहयोग करें।उन्होंने महिलाओं से यह भी अपील की कि  लिए वे अधिक अधिक संख्या में  सड़कों पर उतरें।
      
क्यों ऐपवा व अन्य संगठनों की महिलाओं ने किया धरना-प्रदर्शन
ऐपवा राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे व सचिव शशि यादव ने बिहार में छात्राओं पर बढ़ते बलात्कार पर चिंता जाहिर की। हैदराबाद, उन्नाव में पीड़िता को जलाकर मारना और बिहार के समस्तीपुर बक्सर सिवान चंपारण और अब पटना में जघन्य बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं  और इसका विरोध करने वाले छात्रों पर जिसमें पटना विश्वविद्यालय की नवनिर्वाचित कोषाध्यक्ष कोमल कुमारी आइसा से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार रही प्राची और मगध महिला की आइसा नेत्री पूनम कुमारी भी शामिल थी, दर्जनों छात्रों - छात्राओं पर बर्बर लाठीचार्ज एवं पानी की बौछार करने की घोर निंदा की। साथ ही नेता द्वय ने मांग की कि दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए एवं बलात्कारियों को अविलंब गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिया जाए। बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए और पीड़ितों के लिए न्याय के लिए 16 दिसंबर को  दिन के 11 बजे कारगिल चौक के पास महिला संगठनों ने किया।

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