बिहार : महिला संगठन के द्वारा 16 को कारगिल चौक पर एक दिवसीय धरना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 15 दिसंबर 2019

बिहार : महिला संगठन के द्वारा 16 को कारगिल चौक पर एक दिवसीय धरना

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पटना ,15 दिसम्बर। पटना गैंगरेप, राज्य के अलग अलग हिस्सों मे दुष्कर्म और उसके बाद पीडिता को जिंदा जलाने की बढ़ती घटनाए, हैदराबाद पशु चिकित्सक मामले में त्वरित न्याय के नाम पर ‘न्याय व्यवस्था’ का ही एनकांउटर, नागरिकता संशोधन कानून,  एन आर सी जैसे तमाम ज्वलंत मुद्दों और नागरिक सवालों पर बिहार के महिला संगठन आगामी 16 दिसंबर को पटना के कारगिल चौक पर एक दिवसीय धरना देंगी। महिला संगठनों की समझ है कि देश में रोजाना दुष्कर्म और पीड़िता के साथ बर्बर हिंसा की खबरें आ रही है लेकिन सरकार की तरफ से महिला सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, दरअसल समाज में बढ़ती हिंसक राजनैतिक सोच का ही विस्तार है। तुष्टीकरण की राजनीति और ये हिंसक राजनैतिक सोच नागरिकता संशोधन कानून और रजिस्टर ऑफ सिटीजन ऑफ इंडिया (NRC) में भी साफ देखी जा सकती है। हमारा मानना है कि समाज और देश में लगातार बढ़ते असंतोष का सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। इस धरने में विभिन्न महिला संगठनों, छात्र संगठनों, मानवाधिकार कार्यकर्ता, विभिन्न कॉलेजों की छात्र छात्राएं और नागरिक समाज शामिल होंगें। ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव, बिहार महिला समाज की निवेदिता झा, ऐडवा की पटना जिला सचिव सरिता पाण्डेय, जे एस एस की कामायनी, बिहार घरेलू कामगार यूनियन की सिस्टर लीमा,  नागरिक जन पहल की कीर्ति, आसा की मीरा मिश्रा, बिहार दलित महिला अधिकार मंच की प्रतिमा, मुस्लिम महिला मंच की अख्तरी बेगम, विमुक्ता की आकांक्षा,आदिवासी यूथ क्लब की मोनिका, चिराग एडुकेशन कलचर एंड हेल्थ अवेयरनेस सेंटर की सुधा, इसाफ मंच की आफ्शां जबीं, एडब्लूएसएफ की आसमां खान, शाहिदा बारी, कुमारी लीना, सुधा वर्गीज, चंद्रकांता खान, कंचनबाला आदि ने एक संयुक्त बयान जारी करके तीन मांगें रखी है - हैदराबाद एनकांउटर की गहन जांच, महिला उत्पीडन की घटनाओं का फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए 6 माह के भीतर निष्पादन, जस्टिस वर्मा कमिटी की सिफारिशों को अविलंब लागू करना ।

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