जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में एक नर्स ने जिंदा मरीज को ही मृत घोषित कर दिया था, जिसके बाद उसे घर ले जाया गया, जहां उसकी सांस चल रही थी, जिसके बाद उसे दोबारा अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले को लेकर परिजनों ने डॉक्टरों और नर्स पर कार्रवाई की मांग की है. एमजीएम अस्पताल में भूईयाडीह के रहनेवाले रवि नामता को जिंदा रहते हुए मृत घोषित किए जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. इस मामले में आरोपी डॉक्टर और नर्स पर कार्रवाई की मांग को लेकर मृतक के परिजन स्थानीय लोगों के साथ मिलकर डीसी ऑफिस पहुंचे. मृतक के परिजनों ने डीसी से मुलाकात के बाद कहा कि उन्हें आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में सिविल सर्जन को पूरी रिर्पोट देने को कहा गया है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के अनुसार रवि नामता की तबीयत 15 दिसंबर को अचानक खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें एमजीएम अस्पताल लाया गया. अस्पताल में मौजूद नर्स ने रवि का इलाज की. कुछ देर बाद नर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद परिजन उसे घर ले गया. घर में रवि के शरीर में सांस के साथ साथ हाथ पांव मे हरकत देखी गई, जिसके बाद उसे फिर से एमजीएम अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे ऑक्सीजन लगाकर इलाज शुरु की, लेकिन कुछ देर बाद ही रवि की मौत हो गई मृतक के बेटे का आरोप है कि उनके पिता की मौत डॉक्टर और नर्स की लापरवाही के कारण हुई है. उसने दोनों पर कार्रवाई की मांग की है, साथ ही सरकार से उचित मुआवजे की भी मांग की है.
मंगलवार, 17 दिसंबर 2019
जमशेदपुर : जिंदा मरीज को मृत घोषित करने का मामला पकड़ा तूल, कार्रवाई की मांग
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