नयी दिल्ली, 24 दिसंबर, सरकार ने सात राज्यों के 78 जिलों के लिए ‘अटल भू-जल’ योजना शुरु करने का फैसला किया है जिसके तहत ग्रामीणों की मदद से सिंचाई तथा अन्य कार्यों के लिए भूजल का किफायती तरीके से दोहन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना भूजल के उचित प्रबंधन तथा बेहतर इस्तेमाल के मकसद से शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि 6000 करोड़ रुपए की लागत से लागू की जाने वाली यह योजना 2025 तक क्रियान्वित कर दी जाएगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तीन हजार करोड़ रुपए विश्व बैंक से और शेष तीन हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस येाजना का मुख्य मकसद भूजल का स्तर बढाना है और इस काम में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भागीदार बनाया है। योजना से ग्रामीणों को जोड़कर भूजल के उचित इस्तेमाल के लिए उन्हें प्रेरित करना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना सात राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा के 8350 गांवों में लागू होगी जिसके क्रियान्वयन में स्थानीय लोगों एवं किसानों को साथ लिया जाएगा और उनकी मदद से इस कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांवाें में पेयजल की 85 प्रतिशत आपूर्ति भूजल से होती है और देश में 65 प्रतिशत सिंचाई भी भूजल से होती है इसलिए भूजल का आवश्यक रूप से बेहतर प्रबंधन कर सभी के लिए पानी सुनिश्चित कराने कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस कार्यक्रम के तहत जनजागृति, जल सुरक्षा, पानी का किफायती इस्तेमाल तथा इसके माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे।
बुधवार, 25 दिसंबर 2019
भूजल के बेहतर प्रबंधन के लिए ‘अटल जल’ योजना
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