31 दिसंबर को भाकपा-माले व इंसाफ मंच की टीम का औरंगाबाद दौरा
पटना 30 दिसंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सीएए-एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 21 दिसंबर के आहूत बिहार बंद के दौरान न केवल पटना के फुलवारीशरीफ में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर कहर ढाया गया बल्कि औरंगाबाद में उससे भी वीभत्स घटना को अंजाम दिया गया. बिहार बंद के दौरान पुलिस ने मुस्लिम मुहल्लों में घुसकर बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं और 46 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. ये सभी लोग अभी तक जेल में बंद हैं. नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह यूपी की योगी सरकार की तरह काम कर रही है और बिहार में भी आतंक का राज कायम करना चाह रही है. 46 गिरफ्तार लोगों में 12 से 17 साल तक के बच्चे हैं. महिलाओं और बूढ़ों को पुलिस ने घसीटते हुए गिरफ्तार किया और जेल में डाल दिया. 22 लोगों को केवल सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर मैसेज फारवर्ड करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है. यह बेहद निंदनीय है. भाकपा-माले व इंसाफ मंच की एक उच्चस्तरीय जांच टीम कल 31 दिसंबर को औरंगाबाद का दौरा करके इस मामले की संपूर्णता में जांच करेगी. जांच टीम में माले विधायक सुदामा प्रसाद, इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी, अनवर हुसैन और औरंगाबाद माले जिला सचिव मुनारिक राम शामिल रहेंगे.
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