नयी दिल्ली, 23 दिसंबर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन सोमवार को आठवें दिन भी जारी रहा। सैड़कों लोग विश्वविद्यालय के बाहर सड़क पर इस अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। नूर नगर, बटला हाउस और ओखला के कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने सोमवार को प्रदर्शन में हिस्सा लिया। जामिया के विद्यार्थियों ने संशोधित कानून को वापस लेने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर सवाल किया कि उनकी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर कोई चर्चा नहीं की। विद्यार्थियों ने पूछा कि अगर सभी मुस्लिम, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक ‘बाहरी’ और ‘अवैध प्रवासी’ हैं तो केंद्र सरकार कितने डिटेंशन सेंटर (हिरासत गाह) बनाएगी। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को पुलिस बल से ‘अचानक से प्यार’ हो गया है। जामिया के एक विद्यार्थी आशीष झा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जब एक महीने पहले अदालतों में पुलिस को पीटा गया था तब इस सरकार ने एक भी मामला दर्ज नहीं किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तब वे पुलिस से प्यार नहीं करते थे। अब जब पुलिस ने जामिया, एएमयू और अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों को पीटा तो वे पुलिस को ‘शहीद’ कह रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जान गंवाने वाले छात्रों और अन्य का क्या?’’
मंगलवार, 24 दिसंबर 2019
जामिया में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन का आठवां दिन
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