पंजाब, बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन कॉमेडियन भारती सिंह और फिल्म मेकर फराह खान के फैंस के लिए एक बुरी खबर हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी हस्तियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है। ये शिकायत पंजाब मं दर्ज कराई गई है। खूरों रवीना , भारती और फराह खान के खिलाफ अमृतसर के अजनाला में शिकायत दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इन पर एक शो के दौरान लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि इन तीनों ने एक टीवी प्रोग्राम के दौरान कुछ ऐसी बातें कहीं जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। हालांकि तीनों में से किसी भी सेलेब्रिटी ने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है। एक कॉमेडी प्रोग्राम के दौरान ईसाई धर्म को लेकर कुछ शब्द कहे जो लोगों को पसंद नहीं आए। शिकायत में कहा गया है कि जिन शब्दों का इस्तेमाल शो में किया गया उससे धर्म का अपमान है। यह कार्यक्रम क्रिसमस के दिन ही प्रसारित किया गया था। पुलिस ने वीडियो की जांच करने के बाद ये मामला दर्ज किया। ये मामला IPC की धारा 295-A के तहत ये केस दर्ज किया है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने FIR दर्ज की है। एसएसपी विक्रम जीत दुग्गल ने शिकायत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा- पुलिस को प्रोग्राम की वीडियो के साथ शिकायत दर्ज कराई गई है। आईपीसी की धारा 295 ए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण किये गए कृत्यों से संबंधित आईपीसी की धारा 295 ए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण किये गए कृत्यों से संबंधित है। अदालतों ने यह निर्धारित करने के लिए एक उच्च सीमा तय की है कि इस अधिनियम के तहत कोई अपराध हुआ है या नहीं। यह सुनिश्चित करना भी है कि सामाजिक सुधार लाने के लिए अच्छी भरोसेमंद आलोचना को दंडित नहीं किया जा सकता है। इस प्रावधान के तहत, सच्चाई कोई एक वैध रक्षा नहीं है यदि अन्य सभी अवयव साबित होते हैं - मुख्य रूप से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा से की गयी आलोचना। हालांकि रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि "धारा 295 ए जब्ती होने के बाद एक असमान उपाय है और पूर्व सेंसरशिप के अन्य साधन सरकार के लिए उपलब्ध हैं। सार्वजनिक संदर्भ को संरक्षित करने के लिए इस संदर्भ में गिरफ्तारी और दृढ़ विश्वास का खतरा आवश्यक नहीं है, और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को शांत करने का एक बड़ा खतरा पैदा करता है। " मगर 1927 में भारतीय दंड संहिता में धारा 295A जोड़कर प्रावधान किया गया था कि यदि कोई जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से भारत के नागरिकों के किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा या फिर उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करेगा तो उसे 3 साल तक की सज़ा हो सकेगी।
रविवार, 29 दिसंबर 2019
धार्मिक विश्वास का अपमान करेगा तो उसे 3 साल तक की सज़ा का प्रावधान
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