मधुबनी : दलित-गरीबों की नागरिकता को छीनना चाहती है मोदी सरकार : धीरेन्द्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 29 दिसंबर 2019

मधुबनी : दलित-गरीबों की नागरिकता को छीनना चाहती है मोदी सरकार : धीरेन्द्र

  • 18-19 जनवरी को भाकपा माले के छठा जिला सम्मेलन मैं होगा बड़े आन्दोलन की घोषणा : ध्रुब कर्ण
  • मंहगाई और बेकारी के खिलाफ 8जनवरी की देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान

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मधुबनी,29दिसंबर (आर्यावर्त संवाददाता) भाकपा माले,मधुबनी ज़िला कमिटी की माले नगर,लहेरियागंज में आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार संविधान को रौंदते हुए गैर जरूरी नागरिकता संशोधन कानून,एनपीआर,एनआरसी आदि में उलझा रही है।भारत में पूर्व से ही संविधान में नागरिकता कानून है और इसके तहत शरणार्थियों-प्रताड़ित समूहों को संरक्षण का प्रावधान है।यह सरकार कहीं पे निगाहें और कहीं पर निशाना सिद्धान्त के तहत काम कर रही है।सरकार CAA, NPR और NRC के संयुक्त एकल प्रोजेक्ट के तहत काम कर रही है जिससे देश के सभी समुदायों के गरीब-मज़दूरों की परेशानी बढ़ेगी।बर्बाद होती अर्थव्यवस्था,बढ़ती मंहगाई और घटते रोज़गार पर काम के बदले देश को यह सरकार गैर जरूरी विवाद में उलझाना चाहती है।देश को बचाने के लिए इस सरकार को बाहर करना जरूरी है।इस सरकार ने देश के लोकतंत्र और जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोंट दिया है।उत्तरप्रदेश में जहां सरकारी आतंक का राज़ है,वहीं बिहार में भी जुलूस-प्रदर्शन पर रोक लगा दिया गया है।भाजपा की गोद मे बैठी नीतीश सरकार राज्य के 50 लाख से ऊपर की दलित-गरीब आबादी को उजाड़ने में लगी है। भाकपा माले पूरे देश मे चल रहे लोकतांत्रिक आंदोलन के साथ है और बिहार में भी इसे मज़बूत बना रही है। 8 जनवरी को आहूत देशव्यापी हड़ताल के मौके पर बिहार में गांव बन्द-भारत बन्द आंदोलन होगा। इस मौके पर बोलते हुए जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण ने कहा कि गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ गरीब बसाओ आंदोलन तेज किया जाएगा।इस आंदोलन की मज़बूती के लिए 18जनवरी को विशाल रैली मधुबनी में होगी और उसके बाद दो दिवसीय ज़िला सम्मेलन होगा। जिला सम्मेलन से बड़े आन्दोलन की घोषणा होगी। बैठक को उत्तीम पासवान,प्रेम कुमार झा, अनिल कुमार सिंह,योग नाथ मंडल, विजय कुमार दास, भूषण सिंह,श्याम पंडित,बेचन राम, दानी लाल यादव,बिशंम्भर कामत, शंकर पासवान, सुभाष चन्द्र प्रसाद, शान्ति सहनी, योगेन्द्र यादव,तारा देवी सदाय,झौली पासवान,राम प्रसाद दास, मोहम्मद बिकाऊ,सुरज मुखिया वगैरह ने भी संबोधित किया।

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