मुंबई, 16 दिसंबर, अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि देश में आर्थिक नरमी के लिए केवल वैश्विक कारक पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक आर्थिक नरमी, मुद्रास्फीति में वृद्धि, बैंकों और एनबीएफसी की वित्तीय हालत को दुरुस्त करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर चर्चा करने की जरुरत है। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने समझ लिया था कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने वाली है और उसने सुस्ती शुरू होने से पहले ही फरवरी से रेपो दर में कटौती शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से बुनियादी ढांचे पर खर्च आर्थिक वृद्धि के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सभी विकसित और उभरती अर्थव्यस्थाओं द्वारा समन्वित और समयबद्ध तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता है।
मंगलवार, 17 दिसंबर 2019
आर्थिक नरमी के लिए सिर्फ वैश्विक कारक पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं : दास
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