नयी दिल्ली 19 दिसंबर, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भौगोलिक सीमाओं और काल खंड में नहीं बांधा जा सकता है तथा उनकी प्रासंगिकता सदैव निर्विवाद रही है और अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उनके जीवन से सीख लें तथा उनकी शिक्षाओं को अपने आचरण में अपनाएं। श्री कोविंद ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को व्यापक स्तर पर मनाने हेतु गठित राष्ट्रीय समिति की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पिछले लगभग डेढ़ साल में इस समिति के मार्गदर्शन में देश-विदेश में बापू के विचारों तथा जीवन-मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने में व्यापक सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति ने गांधी जयंती समारोहों तथा अभियानों को सफल बनाया है और मुझे यह जानकारी प्रसन्नता है कि श्री मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्वच्छता में आस्था को एक जन-आंदोलन बना दिया। इसी जन-भागीदारी के बल पर देश को स्वच्छ रखने का गांधीजी का सपना, पाँच वर्ष से भी कम समय में साकार हो रहा है। देश को ‘खुले में शौच से मुक्त’ करने की दिशा में प्राप्त की गई सफलता एक बहुत बड़ी सामूहिक उपलब्धि है। इस संदर्भ में कुछ और महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान पर्यावरण पर ‘सिंगल-यूज-प्लास्टिक’ के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ी है। गांधी-जयंती से जुड़े अनेक कार्यक्रमों में युवाओं के उत्साह से यह भरोसा होता है कि गांधीजी की विरासत हमारी अगली पीढ़ियों के हाथों में सुरक्षित है।
शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019
निर्वादित रही है गांधीजी की प्रासंगिकता : राष्ट्रपति
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