नयी दिल्ली, 09 दिसम्बर, सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा ऋण देश विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने में मदद के लिए दिया जा रहा है और इससे अब तक लाखों छात्र लाभान्वित हो चुके हैं लेकिन इस ऋण को माफ करने की उसकी कोई योजना नहीं है।वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि योजना के तहत देश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों को दस लाख रुपए तथा विदेशों में शिक्षा के लिए 20 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है। योजना के तहत चार लाख रुपए तक के ऋण के लिए कोई गारंटी नहीं है जबकि साढ़े सात लाख रुपए तक के ऋण के लिए थर्ड पार्टी गारंटी की योजना है।उन्होंने कहा कि यह सावधिक ऋण है और इसका भुगतान 15 साल के भीतर किया जाना है। इसमें एक साल के लिए छात्रों को ऋण लौटाने में छूट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकों को शिक्षा में गैर उत्पीड़न नीति अपनाने के लिए कहा है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस ऋण को माफ करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। यह ऋण सभी जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए है। इस ऋण से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए विद्या लक्ष्मी पोर्टल तैयार किया गया है जिसमें सारी सूचनाएं दी गयी है। पिछले तीन वर्ष के दौरान बकाया शिक्षा ऋण सितम्बर तक 75450.68 करोड़ रुपए हो गया है।
सोमवार, 9 दिसंबर 2019
शिक्षा ऋण माफी की सरकार की योजना नहीं
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