मधुबनी : मानवाधिकार दिवस के अवसर पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों के द्वारा लिया गया शपथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

मधुबनी : मानवाधिकार दिवस के अवसर पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों के द्वारा लिया गया शपथ

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) : विशेष सचिव, गृह (विशेष) विभाग, बिहार पटना से प्राप्त निदेश के आलोक में मंगलबार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में श्री राजेश्वर प्रसाद, वरीय उप-समाहत्र्ता, मधुबनी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर शपथग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नौशाद अहमद खान, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, मधुबनी, श्री रमण प्रसाद सिंह, महामंत्री, जिला अराजपत्रित कर्मचारी संघ, मधुबनी, श्री दुःखी राम, कार्यालय अधीक्षक, मधुबनी, श्री प्रशांत झा, आई0टी0 सहायक, श्री सत्यजीत ठाकुर, कार्यपालक सहायक, श्री सुमन कुमार, श्री शीतल झा, श्रीमती मीरा कुमारी समेत काफी संख्या में कर्मियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राजेश्वर प्रसाद, वरीय उप-समाहत्र्ता, मधुबनी ने कहा कि सामान्य जीवन-यापन के लिए प्रत्येक मनुष्य के अपने परिवार, कार्य, सरकार और समाज पर कुछ अधिकार होते है, जो आपसी समझ और नियमों द्वारा निर्धारित होते है। इसी के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को आधिकारिक मान्यता दी गई, जिसमें भारती संविधान द्वारा प्रत्येक मनुष्य को कुछ विशेष अधिकारि दिए गए है। जिसको लेकर प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। मानव अधिकार से तात्पर्य उन सभी अधिकारों से है जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए है। यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से वर्णित किए गए है और न्यायालयों द्वारा प्रवत्र्तनीय है, जिसकी भारतीय संविधान न केवल गारंटी देता है, बल्कि इसका उल्लंघन करनेवालों को अदालत सजा भी देती है। भारत में 28 दिसंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया था और 12 अक्टूबर 1993 में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दिए जाने पर 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। तत्पश्चात वरीय उप-समाहत्र्ता, मधुबनी श्री प्रसाद की अध्यक्षता में उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा मानवाधिकार से संबंधित शपथग्रहण किया गया। जिसमें भारत के संविधान द्वारा संरक्षित तथा विविध अंतर्राष्ट्रीय समझौतों द्वारा अंगीकृत और भारत में कार्यान्वित सभी मानवाधिकारों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखने एवं उन अधिकारों के संरक्षण के लिए अपने सभी कत्र्तव्यों को पूरा करने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने शब्दों या कर्माे या विचारों से, दूसरों के मानवाधिकारों का अतिक्रमण नहीं करने मानवाधिकारों की प्रगति और रक्षा के लिए सदैव कत्र्तव्यबद्ध रहने का संकल्प लिया गया।

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