सरायकेला (प्रमोद कुमार झा) 500 करोड़ की लागत से खरकई बराज बनकर तैयार, 25 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की होगी सिंचाई सरायकेला के खरकाई नदी पर करीब 5 सौ करोड़ की लागत से बराज बनाया गया है. जिससे सिंचाई के लिए आसानी से पानी उपल्बध होगा. जलापूर्ति और पर्यटन के दृष्टिकोण से यह योजना निश्चित तौर पर भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा. जिले के खरकाई नदी पर तकरीबन 500 करोड़ की लागत से खरकाई बराज बनकर अब पूरी तरह तैयार है. जिससे अब पूरे जिले समेत आसपास के 25 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी, इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्य लगभग पूरा है. जबकि परियोजना से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण कार्य मार्च 2020 तक पूरे कर लिए जाएंगे. खेतों की सिंचाई से लेकर घरों तक पाइप लाइन से जल आपूर्ति किए जाने संबंधित योजना की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. यहाँ खरकाई बराज में कुल 8 पंप हाउस बनेंगे जिससे न सिर्फ सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा. बल्कि घरों तक पीने योग्य पानी भी आपूर्ति की जाएगी. इस बराज में कुल 15 गेट लगे हैं. जिससे नदी के पानी का संचयन भी बढ़िया तरीके से किया जा रहा है.
वहीं नदी में पानी कम रहने पर बराज के माध्यम से नदी के जल स्तर को बरकरार रखा जाएगा. इस परियोजना की सबसे बड़ी बात यह है कि परियोजना से 29.83 किलोमीटर तक सिंचाई का पानी जाएगा. वहीं इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण भी अंडर ग्राउंड पाइप के माध्यम से किया जायेगा. बशर्ते अधिग्रहित भूमि पर पक्का निर्माण नहीं हो सकेगा. जबकि इसके एवज में भूमि मालिक को मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा. इस महत्वाकांक्षी योजना से दो नहर प्रस्तावित हैं जिससे सिंचाई और पेयजल आपूर्ति भरपूर मात्रा में होगी. इस परियोजना से निकलने वाले नहर से सीतारामपुर जलाशय को पानी की आपूर्ति की जाएगी. जिससे प्रचुर मात्रा में घरों तक पाइप लाइन से जलापूर्ति किए जाने की योजना को मजबूती प्राप्त होगी. खरकाई बराज परियोजना का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. वहीं परियोजना के पूर्ण होने से यह एक रमणीय पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो रहा है. इस संबंध में जानकारी देते हुए स्वर्णरेखा परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित खरकाई बराज निर्माण योजना के कार्यपालक अभियंता कुमार अरविंद ने बताया है कि परियोजना में एक आइलैंड प्रस्तावित है, जो कि पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी रमणीय स्थान होगा. हलांकि यह कार्य पर्यटन विभाग द्वारा संपन्न किया जाएगा.
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